बिहार के 12 जिलों में बाढ़ से हाहाकार, रेलवे ट्रैक डूबे, घरों में घुसा पानी
बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. 16 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हैं, रेलवे ट्रैक डूब गए हैं और सड़कें बंद हो गई हैं. नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है.
मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद उत्तरी और मध्य बिहार में भयंकर बाढ़ आ गई है. 16 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हैं, रेलवे ट्रैक डूब गए हैं और सड़कें बंद हो गई हैं. आशंका जताई जा रही है कि हालात और भी खराब हो सकते हैं. उधर, नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है. यहां 12 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं.
अररिया जिले के निवासी तारकचंद मुखिया ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पानी के कारण अनाज, दालें और हमारे कपड़े जैसे सब कुछ बर्बाद हो गया है. मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ शुरू हुई. बिहार सरकार ने अलर्ट जारी किया है.
रेल मार्ग प्रभावित
पटरियों पर पानी जमा होने के कारण रेलवे परिचालन बुरी तरह से बाधित हो गया है और कोसी बैराज के पास एहतियात के तौर पर कई सड़कें बंद कर दी गई हैं. जल संसाधन विभाग ने तटबंधों की निगरानी करने और कटाव या क्षति के किसी भी संकेत पर तुरंत प्रतिक्रिया करने के लिए चौबीसों घंटे टीमें तैनात की हैं. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण जल स्तर में वृद्धि हुई है, जिससे गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है.
राहत शिविरों में रह रहे लोग
अतिरिक्त पानी अररिया, सुपौल और कटिहार सहित कई जिलों के निचले इलाकों को प्रभावित कर रहा है जहां हज़ारों लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थानीय अधिकारियों से हाई अलर्ट पर रहने का आग्रह किया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगे भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की है, जिससे पहले से प्रभावित क्षेत्रों में अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बिजली गिरने से 24 घंटे में 4 लोगों की मौत हुई है.