menu-icon
India Daily

पटना में जेपी गंगा पथ पुल में आई दरार, 2 दिन पहले CM नीतीश कुमार ने किया था उद्घाटन; क्या सरकार की जल्दबाजी बनी कारण?

पटना में जेपी गंगा पथ पुल का उद्घाटन 10 अप्रैल को सीएम नीतीश ने बारिश के बीच किया था. पुल में दरार आने से सवाल उठ रहे हैं कि बिना जांच के जल्दबाजी में उद्घाटन किया गया था. इसकी जांच होनी चाहिए.

auth-image
Edited By: Anvi Shukla
Cracks appear on JP Ganga Path Bridge
Courtesy: social media

Jp Ganga Path Bridge Crack: बिहार में पुलों और सड़कों की घटिया निर्माण गुणवत्ता की खबरें अक्सर सामने आती रही हैं. हाल ही में अररिया जिले में नवनिर्मित पुल में क्रैक मिलने की घटना ने एक बार फिर से इस मुद्दे को ताजा कर दिया था. अब बिहार की राजधानी पटना से एक और चौंकाने वाली खबर आई है. जेपी सेतु गंगा पथ के दोनों लेन में दरारें मिलने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं.

जेपी सेतु, जो 3831 करोड़ रुपये की लागत से बना है, के दीदारगंज के पास पिलर नंबर ए-3 में दरारें आ गई हैं. यह पुल हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लोकार्पित किया गया था. दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने इस पुल के दीदारगंज दीघा जेपी सेतु के कंगन घाट से दिदारगंज तक के हिस्से का उद्घाटन बड़े धूमधाम से किया था. इस मौके पर दोनों उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.

क्या सरकार की जल्दबाजी जिम्मेदार?

दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीदारगंज दीघा जेपी सेतु के कंगन घाट से लेकर दिदारगंज तक के हिस्से का उद्घाटन किया था. इस मौके पर बड़े तामझाम के साथ मंच तैयार किया गया था, जिसमें दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, दीघा विधायक संजीव चौरसिया और अन्य अधिकारी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने मंच से रिमोट का बटन दबाकर इस पुल का उद्घाटन किया था.

बिना पूरी जांच किए पुल का उद्घाटन

तेज आंधी और बारिश के बीच मुख्यमंत्री ने पुल का उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद जब वाहनों का आवागमन शुरू हुआ, तो पुल पर दरारें आ गईं. यह दरारें सिर्फ कुछ हिस्से में नहीं, बल्कि पूरे जेपी सेतु गंगा पथ के दोनों लेन में फैल गईं. अब सवाल यह उठता है कि क्या चुनाव के लिए जल्दबाजी में बिना पूरी जांच किए पुल का उद्घाटन किया गया था. क्या सरकार बिहार की जनता को चुनावी सौगात देने के चक्कर में उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ तो नहीं कर रही?