BPSC TRE-3: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक होने के बाद बड़ी कारवाई सामने आई है. इस मामले में ईओयू की जांच चल रही है. एक गुप्त सूचना के बाद आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 14 और 15 मार्च को हज़ारीबाग में कई साइटों पर तलाशी के दौरान 300 छात्रों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें यह पता चला कि टीआरई-3 की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को बिहार के विभिन्न स्थानों से लाया गया था.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक प्रश्न का उत्तर देने के लिए प्रति अभ्यर्थी 10 लाख वसूले गए. इस मामले में ईओयू ने धारा 420, 467, 468, 471 सहित अन्य धारा के तहत मामला दर्ज किया है.
उन छात्रों के पास कुछ कागज मिले थे जिसपर कोड वर्ड में कुछ लिखा हुआ था. जांच में पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करके दोबारा पेपर करने की मांग कर रहे हैं. गिरफ्तार किये गये अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए आर्थिक अपराध इकाई लाया गया. पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि तीसरे चरण की परीक्षा में पूछे गए प्रश्न दो दिन पहले ही तमाम अभियुक्तों के पास उपलब्ध थे.
अभ्यर्थियों ने बताया की पेपर पेन ड्राईव में 14 मार्च को ही मिल गया था. छापेमारी के दौरान गिरोह के पास से मिले प्रश्न पत्र और बीपीएससी के प्रश्न पत्र का मिलान किया गया जो सही पाया गया. जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है.
कुछ दिन पहले पुलिस ने टीआरई-3 पेपर लीक के पीछे मास्टरमाइंड माने जाने वाले पांच व्यक्तियों को पकड़ा था. उनके कब्जे से प्रश्न पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर और पेन ड्राइव जब्त किए गए. चल रही जांच से पता चला है कि आरोपियों ने उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराने के बदले प्रत्येक उम्मीदवार से पर्याप्त शुल्क लिया है. आगे की पूछताछ जारी है.