BPSC Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर छात्रों का विरोध बढ़ता जा रहा है. BPSC के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है और वो सभी सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं. इस आंदोलन को विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है, जिसमें जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी शामिल हैं. एक हफ्ते पहले आंदोलन में शामिल हुए प्रशांत किशोर अब अनशन पर बैठ गए हैं.
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने इस आंदोलन को दिखावा बताया है. उन्होंने कहा कि पटना के सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रोकने की योजना बनाई गई है. छात्र संगठनों ने BPSC परीक्षा को फिर से कराने की मांग को लेकर चक्का जाम किया है. छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है, इसलिए वे विरोध कर रहे हैं. खबर है कि पप्पू यादव भी इस आंदोलन में शामिल हो सकते हैं और इसे और तेज करेंगे.
पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर के अनशन को 'नौटंकी' कहा. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए अनशन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर सही मायने में छात्रों के साथ नहीं हैं और सिर्फ दिखावा कर रहे हैं. पप्पू यादव ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर को छात्रों की सच में चिंता होती, तो वे छात्रों के साथ सड़कों पर उतरते. उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर शनिवार को बिहार बंद का आयोजन किया जाएगा.
#WATCH पटना, बिहार: पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के समर्थक BPSC के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठे। pic.twitter.com/s1nT87Mcoz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 3, 2025
26 दिसंबर को प्रशांत किशोर के साथ हजारों छात्र पटना के गांधी मैदान में इकट्ठा हुए थे और BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. बाद में छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च किया, लेकिन प्रशांत किशोर बीच में ही वहां से चले गए. इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इससे नाराज छात्रों ने प्रशांत किशोर के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि उन्होंने आंदोलन को छोड़ दिया.
प्रशांत किशोर ने सफाई देते हुए कहा कि वह प्रदर्शनकारियों के साथ थे और किसी भी तरह से भागने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि उनके हटने के 45 मिनट बाद लाठीचार्ज हुआ. प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि वह अब छात्रों के साथ अनशन पर बैठेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए.