'महाकुंभ को गाली देने वालों को माफ नहीं करेगा बिहार', पीएम मोदी ने जंगलराज का जिक्र कर लालू पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने 'जंगल राज' वाले नेताओं की आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र की एनडीए सरकार देश की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने और एक बेहतरीन भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है. हालांकि, जंगल राज में विश्वास रखने वाले ये लोग हमारी विरासत और हमारी आस्था से नफरत करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बिहार में विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जो लोग जंगल राज में विश्वास करते हैं, वे हमारी विरासत और आस्था से नफरत करते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता महाकुंभ का दुरुपयोग करने वालों को कभी माफ नहीं करेगी. भागलपुर जिले में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के समय मंदराचल की धरती पर आने के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस धरती में आस्था है, विरासत है और विकसित भारत की संभावनाएं हैं. यह शहीद तिलका मांझी की धरती है. यह सिल्क सिटी भी है. यहां महाशिवरात्रि की तैयारियां चल रही हैं. ऐसे पवित्र समय में मुझे देश के कई लोगों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की एक और किस्त भेजने का सौभाग्य मिला है.
प्रधानमंत्री ने 'जंगल राज' वाले नेताओं की आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र की एनडीए सरकार देश की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने और एक बेहतरीन भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है. हालांकि, जंगल राज में विश्वास रखने वाले ये लोग (राजद) हमारी विरासत और हमारी आस्था से नफरत करते हैं.
महाकुंभ को गाली देने वालों को कभी माफ नहीं करेगा बिहार
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष देश की आस्था, एकता और सद्भाव के सबसे बड़े पर्व एकता के महाकुंभ का दुरुपयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि यूरोप की पूरी आबादी से भी ज्यादा लोगों ने एकता के महाकुंभ में डुबकी लगाई है. पीएम मोदी ने कहा, "राम मंदिर से चिढ़े लोग महाकुंभ को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. मैं जानता हूं कि बिहार महाकुंभ को गाली देने वालों को कभी माफ नहीं करेगा. पिछले सप्ताह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने महाकुंभ मेले को "अर्थहीन" बताकर विवाद खड़ा कर दिया था तथा नई दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया था जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी.
लालू यादव ने की थी आलोचना
लालू यादव ने इस घटना को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना की और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की. मेले के लिए प्रयागराज की ओर आने वाली भारी भीड़ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कुंभ का कोई मतलब नहीं है यह बिल्कुल निरर्थक है. कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी उत्तर प्रदेश और केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा है, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कुंभ मेले के प्रबंधन पर एक किताब भेजने की पेशकश की है.
29 जनवरी को शाही स्नान के दौरान महाकुंभ में मची भगदड़, हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई जानलेवा भगदड़ और मेले की ओर बढ़ रहे श्रद्धालुओं की भारी भीड़, ये सभी मुद्दे चर्चा के मुख्य बिंदु रहे हैं. 'शुद्ध जल' की कमी का मुद्दा भी उठाया गया है, विपक्ष ने कहा कि त्रिवेणी संगम का पानी, जहां श्रद्धालु कुंभ मेले के दौरान पवित्र डुबकी लगा रहे हैं, नहाने के लिए उपयुक्त नहीं है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'निराधार आरोपों' पर पलटवार करते हुए कहा था कि सनातन धर्म, 'मां गंगा, भारत या महाकुंभ' के खिलाफ 'फर्जी वीडियो' प्रसारित करना, चल रहे मेले में पवित्र डुबकी लगाने वाले करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.