Pappu Yadav Death Threats: बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। इस बार धमकी देने वाले ने पप्पू को 24 घंटे का समय दिया है और कहा है कि 24 घंटे के अंदर तुम्हें मार देंगे. इस पर पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी हत्या की धमकी के बारे में चिंता जताई और सरकार व सुरक्षा एजेंसियों से सवाल किया कि आखिर उनके खिलाफ हत्या की साजिश किसके द्वारा रची जा रही है.
दरअसल, सांसद पप्पू यादव को ये धमकी व्हाट्सएप के जरिए दी गई है, जिसमें एक बड़ा ब्लास्ट दिखाया गया है और 24 घंटे का समय दिया गया है. धमकी भेजने वाले ने गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से ये धमकी दी है.
#WATCH | Bihar | On alleged death threat to him, Purnea MP Pappu Yadav says, "...What is the reason behind this, why does he want to kill me, who is the one who wants to get me killed? There will be someone who will find him. The responsibility of this of IB, RAW. You (Govt)… pic.twitter.com/SBWHOiy3Qn
— ANI (@ANI) November 30, 2024
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर उठाए सवाल
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में सांसद पप्पू यादव ने इस मुद्दे को लेकर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से सवाल किया कि क्या वे इस गंभीर मामले की जांच करेंगे. उन्होंने कहा, "क्या हम इस देश के नागरिक नहीं हैं, क्या हम देश के कानून और संविधान के प्रति खड़े नहीं हैं?" उनका यह बयान उस समय आया जब सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर विभिन्न आरोपियों को सुरक्षा देने और महत्वपूर्ण जांच मामलों में लापरवाही करने का आरोप लगाया गया है.
जानिए पप्पू यादव क्या बोले?
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने खुद को मिली कथित जान से मारने की धमकी पर कहा, "...इसके पीछे क्या कारण है, वह मुझे क्यों मारना चाहता है, कौन है जो मुझे मरवाना चाहता है? कोई तो होगा जो उसे ढूंढ़ लेगा. इसकी जिम्मेदारी आईबी, रॉ की है. आप (सरकार) सुरक्षा नहीं देते, कंगना रनौत और अन्य को देते हैं...जांच की जिम्मेदारी निभाइए, क्या हम इस देश के नागरिक नहीं हैं, क्या हम इस देश के कानून और संविधान के लिए खड़े नहीं होते?..."
राजनीतिक सुरक्षा पर ध्यान दिलाया
इस दौरान पप्पू यादव ने यह भी कहा कि यदि सरकार सुरक्षा देने में असमर्थ है, तो वह कंगना रनौत और जैसे अन्य प्रमुख हस्तियों को सुरक्षा देने की बजाय उन जैसे सांसदों को प्राथमिकता दे, जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे और संविधान की रक्षा के लिए खड़े हैं.