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India Daily

Bihar Politics: 'हम अब कहीं नहीं जाएंगे' BJP को बार-बार सफाई देने पर मजबूर क्यों हैं नीतीश कुमार?

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जनवरी के आखिरी हफ्ते में NDA में शामिल हुए थे. INDIA गठबंधन छोड़ने और NDA में शामिल होने के बाद से नीतीश कुमार लगभग हर राजनीतिक मंच पर कहते नजर आते हैं कि बीच में रास्त भटक गया था, अब जहां था, वहां आ गया हूं, अब कही नहीं जाऊंगा. आखिर नीतीश कुमार बार-बार अपने बयान को क्यों दोहरा रहे हैं, आइए समझते हैं.

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Edited By: Shiv Pujan Jha
Bihar Politics Why Nitish Kumar forced to give clarification to BJP again and again

Bihar Politics: पूरा विपक्ष इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है. इसी कड़ी में तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार खुद को शर्मसार महसूस कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी के पैर छुए. दरअसल, नवादा की NDA की रैली में नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री मोदी की जमकर प्रशंसा करते नजर आए. रैली के दौरान ही नीतीश कुमार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वे पीएम मोदी के पैर छुते नजर आए. 

एक दौर वो भी था, जब नीतीश को मोदी से इतनी दूरी पसंद थी कि उनके साथ छपी एक तस्वीर के बाद नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं के लिए रखी गई भोज को कैंसिल कर दिया था. अब नीतीश कुमार को महसूस होने लगा है कि फिलहाल नरेंद्र मोदी का दूसरा कोई विकल्प नहीं है.

जनवरी के आखिरी हफ्ते के बाद कई मंच पर दोहरा रहे एक ही बात

खुद नीतीश कुमार भी जनवरी के आखिरी हफ्ते में NDA ज्वाइन करने के बाद से हर चुनावी मंच से दोहराते दिख रहे हैं कि वे बीच में रास्ता भटक गए थे, लेकिन अब कहीं और दूसरी जगह नहीं जाएंगे. हालांकि, ये पहली बार नहीं है, जब नीतीश कुमार ने रास्ता भटकने और दूसरी जगह न जाने की बात कही हो. इससे पहले 8 बार नीतीश कुमार ऐसा बोल चुके हैं. हाल के दिनों में नीतीश कुमार लगातार पीएम मोदी के साथ मंच शेयर कर रहे हैं और हर मंच से इस बात को दोहरा रहे हैं कि अब वो NDA का ही हिस्सा बनकर रहेंगे.

आखिर नीतीश कुमार के साथ ऐसी क्या मजबूरी है?

दअसल, INDIA गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश कुमार को ये जल्द ही महसूस हो गया था कि विपक्षी दलों के गठबंधन में रहकर अपनी महत्वकांक्षा को पूरा नहीं किया जा सकता है. उन्हें न तो गठबंधन का संयोजक बनाया गया, न किसी ने पीएम कैंडिडेट के लिए उनके नाम पर सहमति जताई. राजनीतिक सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार को फीडबैक मिलने लगा था कि वर्तमान में मौजूद उनके 16 सांसद अगर इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव में उतरते हैं, तो शायद इनकी संख्या घट जाएगी. इसके अलावा नीतीश कुमार को अपनी पार्टी (जनता दल यूनाइटेड) में टूट का डर भी सताने लगा था, इसलिए वे बिना शर्त के दोबारा NDA में शामिल हो गए. 

नीतीश को अपनी पॉपुलैरिटी घटने की भी जानकारी!

नीतीश कुमार को ये भी पता है कि लगातार उनकी पॉपुलैरिटी कम हो रही है, स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है, जदयू भी अलग-अलग खेमों में बंट रही है. ऐसे में NDA में वापस आना उनके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं हैं. दूसरी अहम बात कि भाजपा ने नीतीश कुमार को वो इज्जत दी, जिसकी उन्हें INDIA गठबंधन में उम्मीद नहीं थी. JDU को 16 सीटें दे कर BJP ने एक तरह से नीतीश कुमार को पूरा सम्मान दिया.