Lok sabha Election 2024: बिहार महागठबंधन में सब ठीक नहीं चल रहा है. लालू प्रसाद यादव ने सहयोगी पार्टियों की परवाह किए बिना एक के बाद एक 13 नेताओं को पार्टी सिंबल देकर चुनावी मैदान में उतार दिया है. लालू को न तो कांग्रेस की परवाह है और न तो लेफ्ट पार्टी की. महागठबंधन में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है.
औरंगाबाद से निखिल कुमार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, इस सीट पर उनकी दावेदारी पुरानी है पर कांग्रेस से विमर्श किए बिना लालू ने औरंगाबाद से अभय कुशवाहा को टिकट दे दिया. इस तरह पहले चरण की 4 सीटों पर लालू अपने उम्मीदवर की घोषणा कर चुके हैं. गया से सरबजीत कुमार, जमुई से अर्चना रविदास और नवादा से श्रवण कुशवाहा को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
कांग्रेस के बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने लालू से मुलाकात भी की थी. पर ये मुलाक़ात बेनतीजा रहा. लालू यहीं नहीं रुके अब तक 13 सीटों के लिए सिंबल बांट चुके हैं. सारण और पाटलिपुत्र की सीटें उन्होंने अपनी बेटियों को दे दी.
अब मैं कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर चुका हूं, पप्पू यादव भी खासा नाराज चल रहे हैं. उन्हें पूर्णिया से अपनी दावेदारी ठोक दी है पर राजनीति गलियारे में ये चर्चा आम है कि पूर्णिया, मधेपुरा और सुपौल में भी लालू अपना उम्मीदवार देने की तैयारी में हैं. बीमा भारती जो हाल ही में जदयू को छोड़ कर राजद में शामिल हुई हैं उन्हें पूर्णिया से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है. दूसरी ओर पूर्णिया से पप्पू यादव औरंगाबाद से निखिल कुमार अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. कांग्रेस ने कम से कम 10 सीटों की मांग की थी जिसमें पूर्णिया सुपौल और औरंगाबाद भी शामिल है.
इधर लालू यादव से खासा नाराज हो कर सीपीआई और सीपीएम ने भी अपने-अपने एक-एक उम्मीदवर की घोषणा कर दी है. लालू से नाराज बिहार कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली में कैंप कर रहा है. कांग्रेस ने अपनी नाराजगी लालू और तेजस्वी के सामने रखी है. इसी बात पर लालू और तेजस्वी दिल्ली गए हैं और उम्मीद की जा रही है कि सीट बंटवारे को लेकर जो पेंच फंसा हुआ है उसे सुलझा लिया जाएगा पर लालू समझौते के मूड में नहीं दिख रहे हैं.
इसके पहले लालू 2014 में कांग्रेस से सीट बंटवारे को लेकर लंबा इंतजार कर रहे थे. इस बीच जेडीयू ने बिहार में उनकी पार्टी में सेंध लगा दी थी. तब लालू बिहार वापस आ गए और अपनी पार्टी बचाने के लग गए और कांग्रेस से कह दिया था, बहुत हुआ गठबंधन अब होगा लठबंधन. 2024 के लिए विपक्ष ने सतरंज की बिसात अच्छे से सजने की कोशिश ज़रूर की पर इंडिया गठबंधन ताश के पत्तों की तरह बिखर गया. जानकार बता रहे हैं कि लालू जल्दी ही अन्य प्रत्याशियों की घोषणा भी कर देंगे. ऐसे में कांग्रेस और वामपंथी दल खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं.