Lok sabha Elections 2024 Dates announced in Bihar: देशभर में 7 चरणों में लोकसभा चुनाव चुनाव कराए जाएंगे. वोटिंग की शुरुआत 19 अप्रैल को होगी, जबकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे. बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) ने राज्य की सभी सीटों पर 7 चरणों में मतदान कराने की घोषणा की है.
बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर मुख्य मुकाबला NDA और INDIA गठबंधन के बीच होगा. NDA में BJP के अलावा, नीतीश कुमार की JDU, जीतन राम मांझी की HUM, चिराग पासवान की LJP, उपेंद्र कुशवाहा की RLSP शामिल है, जबकि INDIA गठबंधन में लालू यादव की RJD के अलावा, कांग्रेस, वाम दल शामिल हैं. इनके अलावा, कुछ सीटों पर AIMIM भी चुनाव लड़ रही है.
नीतीश कुमार के जनवरी में INDIA गठबंधन छोड़कर भाजपा में जाने से राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव आया है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, राज्य में जातिगत सर्वेक्षण कराने वाले नीतीश कुमार के पक्ष में दलित के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के मतदाता एनडीए में शिफ्ट हो जाएंगे. भाजपा का शहरी इलाकों में अच्छा-खासा वोट बैंक पहले से रहा है. अब नीतीश कुमार के आने से दलित, ओबीसी और अति पिछड़ा वर्ग वाले समीकरण के साथ चुनाव लड़ा जाएगा.
वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस, राजद और वाम दल पहले की तरह मुस्लिम-यादव समीकरण के साथ चुनावी रण में उतरेगा. माना जा रहा है कि अब तक जो थोड़ा बहुत यादव और मुस्लिम वोट नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के दौरान उनके साथ था, वो अब INDIA गठबंधन की ओर शिफ्ट हो जाएगा.
बिहार में अन्य राज्यों की तरह भ्रष्टाचार, रोजगार और परिवारवाद सियासी मुद्दा रहेगा. इनके अलावा, सत्ता पक्ष और विपक्ष विकास पर भी बात करेगी. राज्य में हाल ही कराई गई जातिगत सर्वेक्षण भी चुनावी मुद्दों में जरूर शामिल रहेगा. हाल ही में महागठबंधन से नीतीश कुमार के बाहर आने और एनडीए ज्वाइन करने के बाद तेजस्वी यादव लगातार रोजगार के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. उनका दावा है कि जब वे नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन सरकार चला रहे थे, तब राज्य के लाखों लोगों को सरकारी नौकरी दी गई. उन्होंने जो वादा किया, वो पूरा किया है.
उधर, सत्ता पक्ष यानी एनडीए के नेता पूर्व में राज्य में किए गए भ्रष्टाचार, परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर हावी रहेगा. इसके अलावा, सत्ता पक्ष पूरे देश में किए गए मोदी सरकार के विकास कार्यों का खाका भी राज्य की जनता के सामने चुनाव प्रचार के दौरान रखेगा.
बिहार में सत्ता और विपक्ष के स्टार कैंपेनर्स की लिस्ट फिलहाल सामने नहीं आई है, लेकिन पूरी उम्मीद है कि एनडीए की ओर से केंद्रीय मंत्रियों के अलावा, पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चुनाव प्रचार में उतारा जा सकता है. इसमें योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश में हाल ही में मुख्यमंत्री बनाए गए डॉक्टर मोहन यादव शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा, प्रचार की कमान मुख्य रूप से नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नीतीश कुमार के हाथों में होगी.
वहीं, विपक्ष की बात की जाए तो उनके स्टार कैंपेनर्स में मल्लिकार्जुन खड़गे, लालू यादव, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव शामिल होंगे. इसके अलावा, इंडिया गठबंधन में शामिल अखिलेश यादव भी राज्य में विपक्ष की ओर से स्टार कैंपेंनर्स की लिस्ट में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा, इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों के नेताओं को भी चुनाव प्रचार की कमान सौंपी जा सकती है.
बिहार की सभी 40 सीटों पर कुल 7 चरणों में मतदान कराए गए थे. पहले चरण में 4, दूसरे चरण में 5, तीसरे चरण में 5, चौथे चरण में 5, पांचवे चरण में 5, छठे चरण में 8 और सातवें चरण में 8 लोकसभा सीटों पर मतदान कराए गए थे. यानी अंतिम 2 चरण में 40 में से 16 सीटों पर वोटिंग हुई थी.
बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर 7 करोड़ से अधिक मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे. राज्य की मतदाता सूची के मुताबिक, राज्य में 7.64 करोड़ मतदाता वोट करेंगे. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 4.29 करोड़, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 3.64 करोड़ है.
2019 के आम चुनाव के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में 12.9 लाख वोटर्स की बढ़ोतरी हुई है. पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं में 9.26 वोटर्स शामिल हैं. राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में एक लाख से अधिक पोलिंग सेंटर बनाए गए हैं. इनमें संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की गई है. सभी पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 में से 39 सीटों पर NDA प्रत्याशियों ने कब्जा जमाया था, जबकि महागठबंधन को मात्र एक सीट मिली थी. NDA में शामिल भाजपा ने 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, जदयू ने भी 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था औऱ 16 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. उधर, महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस और वाम दलों की करारी हार हुई थी. एक मात्र किशनगंज में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी.