Muzaffarpur Crime News: बिहार के मुजफ्फरपुर में रविवार को एक शादी समारोह में शामिल हुए 40 लोगों को शराब पीने और शराब प्रतिबंध का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. राज्य में 2016 से शराब पर प्रतिबंध लागू करने के लिए संघर्ष किया जा रहा है.
अधिकारियों के अनुसार दूल्हे के दोस्त और बाराती पक्ष के सभी गिरफ्तार हो गए हैं. सब के सब नशे धुत्त थे. शराब पीर नागिन डांस करने की तैयारी कर रहे थे. पुलिस के अनुसार, उपस्थित लोग शादी समारोह में अन्य लोगों को उपहार देने के लिए शराब की बोतलें भी ले जा रहे थे.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने घटना में दो वाहन जब्त कर लिए हैं. पुलिस ने बताया कि 40 लोगों के अलावा सात शराब व्यापारियों को भी गिरफ्तार किया गया है जिनसे शादी में शामिल लोगों ने शराब खरीदी थी. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शराब भी बरामद किया गया है.
बिहार में शराबबंदी का निर्णय राज्य सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2016 को लिया गया, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम था. इस नीति का उद्देश्य न केवल शराब की खपत को रोकना था, बल्कि सामाजिक, आर्थिक, और पारिवारिक स्तर पर हो रहे दुष्प्रभावों को भी समाप्त करना था.
शराबबंदी के कारण राज्य में कई सकारात्मक परिवर्तन देखे गए हैं. शराब की बिक्री पर रोक के बाद घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आई है. महिलाओं ने इस कदम की सराहना की है, क्योंकि इससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. पहले जहां शराब पर पैसा खर्च होता था, अब वह पैसा बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च हो रहा है.
सामाजिक दृष्टि से देखा जाए तो शराबबंदी के बाद राज्य में अपराध दर में भी कमी दर्ज की गई है. शराब के नशे में होने वाले झगड़े, दुर्घटनाएं और अन्य अपराधों में गिरावट आई है. इसके अतिरिक्त, शराबबंदी ने राज्य में नई सामाजिक चेतना और अनुशासन की भावना को बढ़ावा दिया है.