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10 पुल गिरने के बाद आखिर खुल ही गई बिहार सरकार की नींद, लिया ये कड़ा एक्शन

एक के बाद एक लगातार 10 पुल गिरने को लेकर बिहार की नीतीश सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है. विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. मामले के तूल पकड़ने पर बिहार सरकार भी हरकत में आ गई है. नीतीश सरकार ने इन पुलों को बनाने वाली कंपनियों और ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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Edited By: India Daily Live
Bihar bridge collapse
Courtesy: social media

Bihar News: मात्र 15 दिनों के भीतर राज्य में एक के बाद एक 10 पुल गिरने से बिहार सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएम नीतीश कुमार इन पुलों के निर्माण में कथित अनियमितता बरतने को लेकर शुक्रवार को संसाधन एवं ग्रामीण कार्य विभाग के 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया. यही नहीं सरकार ने पुलों का निर्माण करने वाली दो कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. इन कंपनियों से पूछा गया कि उन्हें क्यों ब्लैकलिस्ट ना किया जाए?

सीवान में ढह गए 4 पुल

बता दें कि 18 जून से लेकर अब तक प्रदेशभर जैसे किशनगंज, अररिया और मधुबनी, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण में  10 पुल ढह गए हैं या धंस गए हैं. अकेले सीवान में 4 पुल ढह गए.

सरकार रोक रही ठेकेदारों और कंपनियों का पेमेंट
कारण बताओ नोटिस जारी करने और दोषी ठेकेदारों और निर्माण कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू करने के अलावा, सरकार उनमें से कुछ का भुगतान भी रोक रही है.

आरोपों पर क्या बोली सरकार

सरकार ने कहा, 'राज्य में कुल मिलाकर 9 पुल और पुलिया गिरे हैं  इनमें से 6 पुल और पुलिया काफी पुराने थे और तीन पुल और पुलिया निर्माणाधीन थे.' जल संसाधन विभाग ने 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है जिसमें कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्क अभियंता शामिल हैं. ग्रामीण कार्य विभाग ने भी काम में लापरवाही बरतने के आरोप में अपने चार वर्तमान और पूर्व इंजीनियरों को निलंबित कर दिया. सीएम नीतीश कुमार ने दो महीने के भीतर बिहार के सभी निर्माणाधीन, पुराने पुल की रिपोर्ट मांगी है.

पुल के मुद्दे पर घिरी नीतीश सरकार

बता दें कि एक के बाद 10 पुल धराशायी होने की घटनाओं से बिहार की राजनीति गरमा गई है. पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. वि. आरजेडी ने इन घटनाओं के पीछे बिहार की डबल इंजन की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं बीजेपी ने कहा कि पहले पुल के मंत्री तेजस्वी यादव ही थे. केंज्रीय मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव डेढ़ साल तक ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. तेजस्वी काम कर रहे थे कि मजा कर रहे थे, उन्हें बताना चाहिए.

बिहार सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव पर राज्य के सड़क निर्माण और भवन निर्माण मंत्री रहते हुए एक मजबूत पुल रखरखाव नीति लागू नहीं करने का आरोप लगाया.