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जले हुए फोटोकॉपी के टुकड़ों में NEET के क्वेश्चन पेपर वाले 68 सवाल, बिहार पुलिस की जांच में खुलासा

नीट पेपर लीक मामले में बड़ी साजिश का पता लगने के बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया है. जहां सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. CBI की दिल्ली यूनिट इस पूरे मामले की जांच करेगी. बिहार सराकर की आर्थिक इकाई ने भी केंद्र को जांच की रिपोर्ट दे दी है. ईओयू के रिपोर्ट से पता चलता है कि पेपर लीक हुआ था.

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नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में बिहार सराकर की आर्थिक इकाई ने केंद्र को रिपोर्ट सौंप दी है. जिसमें EOU ने केंद्र को बताया है कि अबतक के जांच से एक बात स्पष्ट है कि नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लिक हुआ था. केंद्र ने ईओयू से रिपोर्ट मांगी थी, जिसने 5 मई को परीक्षा के तुंरत बाद चार परीक्षार्थियों सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी के बाद का जांच का जिम्मा संभाला था. ईओयू टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एनएच खान कर रहे हैं. 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में मोटे तौर पर तीन बातों का उल्लेख है. पहला, अब तक के साक्ष्यों के आधार पर पेपर लीक होने का स्पष्ट संकेत, एक अंतर-राज्यीय गिरोह की संभावित संलिप्तता और बिहार के कुख्यात सॉल्वर गैंग की संदिग्ध भूमिका.

 

ईओयू की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा 


शिक्षा मंत्रालय को प्राप्त हुई ईओयू की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पुलिस ने जिस घर से अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था, वहां से जले हुए पेपर के टुकड़ों से जिस स्कूल के नाम का पता चला है, उसका यूनिक परीक्षा केंद्र कोड ओएसिस स्कूल का है, जो सीबीएसई से संबद्ध एक निजी स्कूल है और जिसे झारखंड के हजारीबाग में एनटीए ने परीक्षा केंद्र के रूप में नामित किया था. ईओयू ने जले हुए इस पेपर के टुकड़ो का मिलान मूल पेपर और उसके प्रश्नों से करने के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला की मदद ली.

पेपर लीक हुआ था!

ईओयू के रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया. जिसके बाद ईओयू ने बीते रविवार को 5 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया. जिससे पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 18 हो गई है. केंद्र को भेजी गई छह पृष्ठों की ईओयू रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित प्रश्नपत्र की फोटोकापी के जले हुए अवशेषों की जब्ती, आरोपियों से पूछताछ और दो परीक्षार्थियों से पूछताछ से लीक होने का संकेत मिला है. वहीं इकबालिया बयानों से भी संकेत मिलता है कि यह पेपर लीक था. दबाव बढ़ने पर बिहार सरकार ने 11 मई को मामले की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी ईओयू को सौंप दी. 

जला हुआ प्रश्न पत्र हजारीबाग परीक्षा केंद्र हो सकता है


नीट परीक्षा पेपर लीक को लेकर बिहार के दावे को पुष्ट करने वाली बात यह है कि 68 प्रश्न मूल पेपर के बिल्कुल समान होने के अलावा, जले हुए पेपर और मूल पेपर पर इन प्रश्नों के क्रमांक सब एक जैसे हैं. हालांकि जले हुए प्रश्नपत्र 5 मई को ही बरामद हो गए थे. जिस दिन परीक्षा हुई थी और संदिग्ध अभ्यार्थियों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन सूत्रों के मुताबिक NEET-UG प्रश्न पत्र के साथ उनका मिलन करने मे ईओयू की ओर से देरी, NTA की राज्य सरकार के साथ सूचना, विशेषकर प्रश्नपत्र साझा करने में शुरू में हुई देरी के कारण हुआ है. इसमें सरकार ने भी नरम रूख अपनाया और एक सप्ताह पहले बिहार के ईओयू के साथ सूचनाएं साझा करना शुरू कर दिया. ईओयू ने पेपर लीक के कथित लाभार्थी होने के संदेह में नौ और परिक्षार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नौ में से दो अब तक इकाई के समक्ष पेश हो चुके हैं. एक सूत्र ने कहा, 'जला हुआ प्रश्न पत्र हजारीबाग परीक्षा केंद्र हो सकता है, इस मामले में अभी और जांच बाकी है'.


बता दें कि 5 मई को देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट यूजी का ओयजन किया गया था. जिसमें करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे. परीक्षा आयोजित होने के बाद से ही इसमें पेपर लीक होने का आरोप लगने शुरू हो गए. 6 मई को पेपर लीक की आशंका पर पटना पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी.