Bihar Diwas 2025: बिहार मना रहा है अपना 113वां जन्मदिन, जानें इतिहास और महत्व
Bihar Foundation Day: पहली बिहार दिवस 2010 में मनाया गया था. इसे दिन बिहार राज्य बनने की याद में स्थापित किया गया था. राज्य सरकार ने इस अवसर पर संगीत, डांस और परेड जैसी कई सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया.
Bihar Diwas 2025: हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है. यह एक खास दिन है क्योंकि 1912 में बिहार और उड़ीसा, बंगाल से अलग राज्य बन गए थे. इस साल बिहार अपना 113वां जन्मदिन मना रहा है. बिहार दिवस का उद्देश्य लोगों को बिहार और उसके द्वारा दी जाने वाली सभी चीजों पर गर्व महसूस कराना है.
आमतौर पर इस दिन बिहार में सार्वजनिक छुट्टी रहती है. सार्वजनिक अवकाश 1912 में राज्य के गठन का प्रतीक है, जो इसके इतिहास का एक गौरवशाली क्षण है. आइए इस दिन का महत्व, शुरुआत और बिहारी इसे कैसे मनाते हैं, इसके बारे में गहराई से जानते हैं.
बिहार दिवस का इतिहास
पहली बिहार दिवस 2010 में मनाया गया था. इसे दिन बिहार राज्य बनने की याद में स्थापित किया गया था. राज्य सरकार ने इस अवसर पर संगीत, डांस और परेड जैसी कई सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया.
बिहार दिवस क्यों है जरूरी?
बिहार दिवस सिर्फ एक छुट्टी का दिन नहीं है. यह बिहार लोगों के लिए अपने राज्य के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत पर चिंतन करने का दिन है. यह विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की प्रगति का जश्न मनाने और आगे के विकास के लिए क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर है. सबसे जरूरी बात यह है कि बिहार दिवस एकता की भावना को बढ़ावा देता है और बिहार के लोगों को एक उज्जवल भविष्य के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करता है.
बिहार दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन बिहार के ट्रेडिशनल गाने, डांस और भाषण का आयोजन किया जाता है. स्थानीय लोग और विशिष्ट अतिथि इन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं जिससे बिहार दिवस वास्तव में एक यादगार उत्सव बन जाता है.
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