बिहार उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी बुरी तरह हार गई है. चोरों सीटों पर NDA ने जीत दर्ज की है. 4 में से 3 सीटों पर जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई है. एक सीट पर पार्टी चौथे स्थान पर रही. यानी की सियासत में उतरे पीके फेल रहे हैं.
पीके की पार्टी तरारी, बेलागंज और इमामगंज में तीसरे नंबर पर रही। जबकि रामगढ़ में चौथे नंबर पर। बिहार की चार सीटों पर 38 कैंडिडेट्स मैदान में थे. प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा था. जनसुराज इस चुनाव में सभी सीटों पर तीसरे नंबर पर रही. 13 नवंबर को चारों सीटों पर 52.83 फीसदी वोटिंग हुई थी. तरारी में 50.10 फीसदी, बेलागंज में 56.21 फीसदी, इमामगंज में 51.01 फीसदी और रामगढ़ में 54.02 फीसदी वोट पड़े थे.
तराड़ी सीट पर प्रशांत किशोर ने किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया था. किरण यहां पर सिर्फ 5622 वोट ला पाईं. इस सीट से बीजेपी के विशाल प्रशांत ने जीत हासिल की. दूसरे नंबर पर माले के उम्मीदवार रहे. ईमामगंज सीट से पीके ने जितेंद्र पासवान को खड़ा किया था, उन्हें सिर्फ 6513 वोट मिले. बीजेपी के अशोक कुमार सिंह यहां से जीते. रामगढ़ सीट पर प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सुशील यहां लड़ाई में भी नहीं दिखे. सुशील को इस सीट पर 6513 वोट मिले. बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने यहां से जीत हासिल की है. बेलागंज सीट से जेडीयू की मनोरमा देवी जीती हैं. जनसुराज के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे.
चुनाव से पहले पीके ने बड़ा दावा किया था. इसी साल 2 अक्तूबर को उन्होंने जनसुराज पार्टी लॉन्च किया था.पीके ने कहा था कि उपचुनाव में सभी पार्टियों को सबक सिखाएंगे. प्रशांत खुद इन सीटों पर कैंपेन को लेकर मोर्चा खोले हुए थे. लगातार घूम-घूमकर प्रचार कर रहे थे. हालांकि प्रशांत किशोर ने आरजेडी को जरुर झटका दिया है. आरजेडी इस उपचुनाव में सीटिंग की 2 सीटें हार गई है. ईमामगंज में आरजेडी उम्मीदवार को करीब 6 हजार वोटों से हार मिली है. यहां पर पीके के उम्मीदवार को 35 हजार वोट मिले हैं.
बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है. अगले साल अक्टूबर में 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे. प्रशांत किशोर आने वाले चुनाव में किस रणनीति के साथ उतरते हैं ये देखना होगा.