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Bihar Assembly Elections 2025: प्रशांत किशोर का CM नीतीश कुमार पर हमला, मानसिक रूप से बताया रिटायर्ड

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में अभी 8 महीने से ज्यादा का समय है. लेकिन अभी से ही बयानबाजी शुरू हो गई है. इसी क्रम में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानसिक रूप से सेवानिवृत्त बताया है.

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Edited By: Shanu Sharma
Bihar Assembly Elections 2025
Courtesy: Social Media

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने का समय बचा है. चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है बयान बाजी का दौर भी तेज होता जा रहा है. इसी क्रम में जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर ने एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने राज्य की जनता से अपील की है कि वो किसी भी हाल में विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जेडीयू के खाते में ना आने दें. 

प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को शारीरिक रूप से थका हुआ और मानसिक रूप से सेवानिवृत्त बताया है. साथ ही उन पर बार-बार गठबंधन बदलकर सत्ता में बने रहने का आरोप लगाया है. पटना में पत्रकारों से बात करते हुए किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार गठबंधन बदलकर बहुत कम सीटें होने के बावजूद कुमार मुख्यमंत्री बने हुए हैं.

नीतीश कुमार भाजपा के मुखौटा

जन सुराज के संस्थापक ने बिहार की जनता को नीतीश कुमार के हिस्ट्री को याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने 2013 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद 2015 में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए. इतना ही नहीं फिर 2017 में भाजपा के साथ वापस आ गए, 2022 में राजद खेमे में वापस चले गए और पिछले साल एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गए. उन्होंने बिहार की जनता से इस चक्र को तोड़ने की अपील की है. उन्होंने लोगों से कहा कि मैं अपील करता हूं कि बिहार के लोग कमल, तीर और लालटेन पर वोट ना दें. ताकि राज्य के लोगों को मानसिक रूप से सेवानिवृत्त मुख्यमंत्री से छुटकारा मिल सके. वहीं बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को भाजपा पार्टी मुखौटे के रूप में इस्तेमाल कर रही है. 

मंत्रिमंडल के विस्तार पर बोला हमला 

बिहार में हाल में हुए मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में उन्होंने कहा कि चुनाव से कुछ महीने पहले मंत्रिमंडल विस्तार का उद्देश्य जनता के पैसे का दुरुपयोग करना और कुछ जातियों को खुश करना है. उन्होंने आगे कहा कि स सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से 6 महीने पहले 7 नए मंत्रियों को शपथ दिलाना इसका सीधा मतलब है कि वे सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से पहले लोगों को लूटना चाहते हैं. इसी के साथ उन्होंने 11 अप्रैल को बदलो बिहार रैली की घोषणा की है. जिसे आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है. उन्होंने दावा किया है कि इस रैली में भीड़ सारे रिकॉर्ड को तोड़ने वाली है. हालांकि यह भी हो सकता है कि सत्तारूढ़ दल इस वजह से अनुमति ही ना दें.