जरा सी चूक... और हो जाता बड़ा कांड; भारत बंद के दौरान बाल-बाल बची बच्चों से भरी बस

भारत बंद के दौरान बिहार के गोपालगंज जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में बच्चों से भरी एक स्कूल बस दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान स्कूल बस को उस जगह रोक दिया गया था, जहां बस के नीचे टायर जल रहे थे. अगर बस थोड़ी ज्यादा देर वहां रूक जाती तो बस में आग भी लग सकती थी. हालांकि, समय रहते बस को वहां से आगे निकाल दिया गया.

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बिहार में भारत बंद के दौरान बच्चों से भरी बस बड़े हादसे की शिकार होने से बच गई. अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ कुछ समूहों की ओर से बुधवार को भारत बंद बुलाया गया था. इस दौरान भीड़ का एक समूह गोपालगंज जिले में टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन रहा था. इस दौरान बच्चों से भरी  एक बस वहां पहुंचती है. बस ड्राइवर को भीड़ की वजह से पता नहीं चल पाता कि उसने जहां बस खड़ी की है, वहां नीचे टायर जल रहा है. हालांकि, समय रहते बस को आगे बढ़ा दिया गया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखकर पता चल रहा है कि जरा सी चूक पर बड़ा हादसा हो सकता था. 

कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि बच्चों से भरी स्कूल बस में आग लगाने की कोशिश की गई थी. हालांकि गोपालगंज पुलिस और जिला प्रशासन ने इस प्रयास को विफल कर दिया.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों में दिख रहा है कि स्कूल बस को लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने घेर रखा है. एक व्यक्ति बस के ठीक नीचे टायर जलाता हुआ दिखाई दे रहा है. जिस सड़क से बस गुजरने की कोशिश कर रही थी, उस पर कई जलते हुए टायर बिखरे हुए दिखाई दे रहे थे.

एक अन्य वीडियो में कुछ लोगों को एक बाइक को रोकते हुए दिखाया गया, जिसमें एक महिला पीछे बैठी थी और जो उस क्षेत्र से गुजरने की कोशिश कर रही थी.

क्या बोले गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात?

गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि भारत बंद के आह्वान को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और शहर के विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने ड्रोन कैमरों के ज़रिए कुछ लोगों की पहचान की है जो उपद्रव कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस स्टेशन को निर्देश दिया है कि पहचाने गए उपद्रवियों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करें और बस में आग लगाने की कोशिश करने वालों को जेल भेजें.

हालांकि शहर में हिंसा की कुछ घटनाएं भी हुईं, लेकिन गोपालगंज में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. कुछ वाहन सड़कों पर दिखे, जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 27 और रेलवे ट्रैक पर व्यवधान पैदा किया.

भारत बंद का आह्वान कुछ दलित संगठनों द्वारा किया गया था, जिन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ की ओर से दिए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया था. उनके अनुसार, यह ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ की ओर से दिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी.