भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश करते हुए बिहार के किसानों के लिए एक अहम घोषणा की. इस घोषणा के तहत मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिससे बिहार के मखाना किसानों की स्थिति में सुधार और उनकी किस्मत चमकने की उम्मीद जताई जा रही है. यह ऐलान बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले किया गया है, जिससे राजनीतिक दृष्टि से भी इस फैसले का महत्वपूर्ण असर हो सकता है.
मखाना बोर्ड का उद्देश्य
मखाना बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है, और राज्य के किसान इसे अपनी आजीविका का एक प्रमुख स्रोत मानते हैं. मखाना बोर्ड का गठन बिहार के मखाना किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है. वित्त मंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य मखाना उत्पादन को बढ़ाना, मार्केटिंग को मजबूत करना और किसानों को बेहतर संसाधन और सहायता प्रदान करना है. इससे किसानों को न केवल अधिक आय मिलने की संभावना है, बल्कि मखाना के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान होगा.
विधानसभा चुनाव और राजनीतिक संदर्भ
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, और NDA के सबसे बड़े समर्थक जदयू की सरकार राज्य में सत्ता में है. ऐसे में मखाना बोर्ड की घोषणा को एक राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है. यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के लिए एक सकारात्मक संदेश है, जो किसानों के हित में काम करने का दावा करती है.
बजट में अन्य कृषि संबंधित योजनाएं
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में यह भी कहा कि सरकार फल और सब्जियों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि उत्पादों की प्रोडक्शन को बढ़ाना और सप्लाई चेन को बेहतर बनाना है. सरकार का फोकस ग्रामीण युवाओं और छोटे किसानों पर है, जिनके लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की जाएगी.
इसके अलावा, सरकार 100 जिलों को प्रोत्साहित करने की योजना बना रही है, जहां कृषि उत्पादन कम है. इन जिलों में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे.
बिहार के किसानों को होगा फायदा
मखाना बिहार में व्यापक रूप से उगाया जाता है और राज्य के किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण फसल है. मखाना बोर्ड के गठन से किसानों को सीधे लाभ होगा, क्योंकि उन्हें उत्पादन के सही तरीके, विपणन की जानकारी और नए बाजारों तक पहुंचने के अवसर मिलेंगे. इससे मखाना की उत्पादकता और आय दोनों में वृद्धि हो सकती है. साथ ही, मखाना को लेकर कोई भी कृषि नीति या समर्थन योजना सरकार की ओर से तेजी से लागू की जा सकती है, जो किसानों के लिए फायदेमंद होगी.