Yashasvi Jaiswal: आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट के दौरान क्रिकेट की दुनिया में कुछ भी बड़ी खबर बनना मुश्किल होता है. लेकिन यशस्वी जायसवाल के मुंबई छोड़ने और गोवा में खेलने का निर्णय काफी चौंकाने वाला था और यह खबर तेजी से सुर्खियों में आई. अब इस फैसले के पीछे का कारण और अजिंक्य रहाणे के साथ हुए विवाद के बारे में एक नई जानकारी सामने आई है, जो क्रिकेट फैंस के लिए दिलचस्प हो सकती है.
यशस्वी जायसवाल ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मांगा था, ताकि वह अगले घरेलू सत्र के लिए गोवा के साथ खेल सकें. गोवा को अगले सीजन से एलीट ग्रुप में खेलने का अधिकार मिला है और यशस्वी ने खुद को यहां का हिस्सा बनने का निर्णय लिया. उनका कहना है कि गोवा ने उन्हें कप्तानी का प्रस्ताव दिया है, जो उनके लिए एक नया अवसर है.
इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि यशस्वी के लिए यह कदम एक नए करियर मोड़ जैसा है लेकिन सवाल उठता है कि वह इतनी जल्दी कप्तानी का मौका क्यों चाहते हैं. इसके अलावा टीम इंडिया में उनकी नेतृत्व की कोई संभावना नहीं है. आईपीएल में भी राजस्थान रॉयल्स में संजू सैमसन के बाद उन्हें कप्तानी का मौका नहीं मिल सकता क्योंकि जब सैमसन उपलब्ध नहीं थे, तब रियान पराग को कप्तानी दी गई थी.
आमतौर पर क्रिकेट खिलाड़ी अपनी टीम छोड़ने का फैसला तब लेते हैं जब उनकी जगह टीम में नहीं बन पाती या वे अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर होते हैं. लेकिन यशस्वी के मामले में ऐसा नहीं था. वह पूरी तरह फिट थे और एक अच्छे फॉर्म में थे, तो फिर उन्होंने मुंबई को क्यों छोड़ा?
इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यशस्वी और मुंबई टीम के प्रबंधन के बीच सब कुछ सही नहीं था, खासकर कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ. रिपोर्ट के मुताबिक एक रणजी ट्रॉफी मैच के बाद मुंबई कोच ओमकार सालवी और रहाणे ने यशस्वी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए थे, जिससे यशस्वी काफी नाराज हो गए थे. इस विवाद के बाद यशस्वी ने रहाणे के किट बैग को भी बुरी तरह से लात मारी थी.