विश्व चैंपियन डी गुकेश करुआना से हारे, फ्रीस्टाइल ग्रैंडस्लैम शतरंज टूर्नामेंट से हुए बाहर
विश्व चैंपियन डी गुकेश को फ्रीस्टाइल ग्रैंडस्लैम शतरंज टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में करारी हार का सामना करना पड़ा. अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर फाबियानो करुआना ने लगातार दूसरी बाजी जीतते हुए गुकेश को प्रतियोगिता से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
Freestyle Grand Slam chess tournament: विश्व चैंपियन डी गुकेश को फ्रीस्टाइल ग्रैंडस्लैम शतरंज टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में करारी हार का सामना करना पड़ा. अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर फाबियानो करुआना ने लगातार दूसरी बाजी जीतते हुए गुकेश को प्रतियोगिता से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
पहली बाजी में सफेद मोहरों से खेलते हुए हारने के बाद, गुकेश के लिए यह करो या मरो का मुकाबला था. हालांकि, दूसरी बाजी में भी वह करुआना के आक्रामक खेल के सामने नहीं टिक सके और महज 18 चालों में हार स्वीकार करनी पड़ी. इस हार के बावजूद, गुकेश अब टूर्नामेंट में आखिरी चार स्थान के लिए अपनी चुनौती पेश करेंगे.
क्या है फ्रीस्टाइल शतरंज?
फ्रीस्टाइल शतरंज में पारंपरिक प्रारूप से हटकर एक अनूठा बदलाव देखने को मिलता है. इस प्रारूप में प्यादे अपनी मूल स्थिति में रहते हैं, लेकिन बाकी मोहरों की प्रारंभिक स्थिति को 960 अलग-अलग तरीकों से बदला जा सकता है. यही कारण है कि इसे "फिशर रैंडम शतरंज" भी कहा जाता है.
शतरंज के महान खिलाड़ी बॉबी फिशर इस प्रारूप के बड़े समर्थक थे. फिशर का मानना था कि यह खेल पारंपरिक शतरंज की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण और रोमांचक बन सकता है. हाल के वर्षों में इस नए प्रारूप को वैश्विक स्तर पर अच्छी स्वीकृति मिल रही है और इसे शतरंज के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है.
करुआना की रणनीति ने दिलाई आसान जीत
फाबियानो करुआना लंबे समय से फ्रीस्टाइल शतरंज खेल रहे हैं और इस प्रारूप में उनका अनुभव साफ झलकता है. इस मुकाबले में उन्होंने केवल 15 चालों में ऐसी स्थिति बना ली, जहां से खेल पारंपरिक शतरंज जैसा हो गया. इसके बाद, उन्होंने आक्रामक रणनीति अपनाते हुए गुकेश को मात्र 18 चालों में हराने पर मजबूर कर दिया. गुकेश की हार के साथ, टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में करुआना की जगह पक्की हो गई है, जबकि भारतीय ग्रैंडमास्टर अब आखिरी चार स्थान के लिए संघर्ष करेंगे.