नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 के लिए अपनी 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की. ये प्रतियोगिता भारत में होने जा रही है. इससे पहले भारत ने 2011 में अपनी ही जमीन पर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में कप उठाया था.
दोनों टीमों की तुलना करें तो रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने 2011 की विश्व कप विजेता टीम की तुलना में थोड़ी अधिक उम्र की टीम के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है.
असल में, 2011 के विश्व कप में भारतीय टीम की औसत आयु 28 वर्ष थी. मौजूदा भारतीय टीम की थोड़ी अधिक औसतन 30.06 वर्ष है, हालांकि इसमें ईशान किशन और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी हैं. दूसरी ओर, 2011 की टीम में 22 वर्षीय विराट कोहली भी शामिल थे.
बल्लेबाजी में 2011 और 2023 टीम की तुलना-
बल्लेबाजी 2011 के विश्व कप की भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर थे. यह सचिन का आखिरी विश्व कप था और पूरी टीम मास्टर ब्लास्टर को उनके करियर की मिसिंग सबसे बड़ी ट्रॉफी प्रदान करने के लिए उत्साहित थी.
अन्य बल्लेबाजों में विराट, सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना शामिल थे। इससे उस टीम में अनुभव और युवा जोश का एक अच्छा मिश्रण था.
फिलहाल 2023 विश्व कप टीम में 36 वर्षीय रोहित शर्मा हैं, जो उम्र में सबसे आगे हैं. 34 वर्षीय विराट कोहली, 31 वर्षीय केएल राहुल जैसे खिलाड़ी भी मौजूद हैं.
शुभमन गिल और ईशान किशन का ये पहला वर्ल्ड कप है, तो श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार यादव अपने करियर के चरम पर हैं जिनसे दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है.
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गेंदबाजी में 2011 और 2023 टीम की तुलना-
भारत 2011 में अधिक अनुभवी गेंदबाजी लाइनअप के साथ गया था, जिसमें तीन मुख्य गेंदबाज जहीर खान, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा थे, जिन्होंने आर अश्विन और पीयूष चावला को पूरे टूर्नामेंट में मार्गदर्शन दिया.
रोहित शर्मा की गेंदबाजी लाइनअप में तीन में से केवल एक विशेषज्ञ स्पिनर है. रोहित ने शमी के साथ मोहम्मद सिराज को जगह दी है. जसप्रीत बुमराह चोट को उबरने के बाद टूर्नामेंट में प्रमुख भूमिका निभानी होगी.
ऑलराउंडर के बीच तुलना-
दोनों टीमों के बीच सबसे बड़ा अंतर ऑलराउंडर होगा. 2011 की टीम की तुलना में मौजूदा विश्व कप टीम में कई हरफनमौला खिलाड़ी हैं. इनमें हार्दिक पांड्या, शार्दुल ठाकुर, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं.
2011 विश्व कप की भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी थे जो जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी कर सकते थे. युवराज सिंह, युसूफ पठान और सुरेश रैना को बीच के ओवरों में मैनेज किया जा सकता था. विराट, सहवाग और सचिन तेंदुलकर पार्ट-टाइम गेंदबाजी कर सकते थे.