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भारतीय कुश्ती महासंघ से खेल मंत्रालय ने हटाया बैन, जानें कैसे बना रहेगा बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा?

भारतीय पहलवानों के लिए बड़ी खबर है. दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) से बैन हटा दिया गया है. युवा मामले और खेल मंत्रालय ने यह फैसला लिया है, जिसके बाद मंगलवार, 10 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित कर दिया गया.

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Edited By: Garima Singh
Wrestling Federation of India

Wrestling Federation of India: भारतीय पहलवानों के लिए बड़ी खबर है. दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) से बैन हटा दिया गया है. युवा मामले और खेल मंत्रालय ने यह फैसला लिया है, जिसके बाद मंगलवार, 10 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित कर दिया गया. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब 25-30 मार्च को जॉर्डन के अम्मान में एशियाई चैंपियनशिप होने वाली है.अगर भारतीय रेसलर इस टूर्नामेंट में भाग नहीं लेते, तो उन्हें 13-21 सितंबर को जाग्रेब में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने से वंचित कर दिया जाता.

डब्ल्यूएफआई की कमान अब इसके पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी रहे संजय सिंह को दे दी गई है. मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा 16 अगस्त को दिए गए आदेश के खिलाफ डब्ल्यूएफआई की अपील पर सुनवाई कर रही थी .जिसमें आदेश दिया गया था कि WFI के कार्यों की देखरेख और पर्यवेक्षण के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति का पुनर्गठन किया जाए. हालांकि, आदेश के बावजूद समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया.

डब्ल्यूएफआई का दावा

डब्ल्यूएफआई ने दावा किया था कि सरकार द्वारा इसे निलंबित करने के कारण डब्ल्यूएफआई को कुश्ती के लिए अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त है - और कोई तदर्थ समिति नहीं होने के कारण, भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहा है. डब्ल्यूएफआई ने बताया कि टीमों का चयन भी रुका हुआ है. मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने मंत्रालय का नवीनतम आदेश प्रस्तुत किया, जिससे डब्ल्यूएफआई को पहलवानों के लिए चयन और ट्रायल आयोजित करने और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए टीमें भेजने में सक्षम बनाया गया है.

बृजभूषण शरण सिंह की आई प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर अब बृजभूषण शरण सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, "26 महीनों तक ढेरों षड्यंत्र रचे गए, बहुतेरे झूठे आरोप लगाए गए और भारतीय कुश्ती को बर्बाद करने की कोशिशें हुईं, लेकिन साजिश करने वाले अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।" उन्होंने ये भी कहा कि, "इस विवाद के चलते टीम दो वर्ल्ड रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाई। ट्रेनिंग सेंटर बंद हो गए जिससे कुश्ती जगत को भारी नुकसान झेलना पड़ा।"

बृज भूषण सिंह पर लगे थे पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप 

24 दिसंबर, 2023 को मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित कार्यकारी समिति को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से महासंघ की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के प्रशासन और प्रबंधन से दूर रहने का निर्देश दिया था. यह निर्णय नवनिर्वाचित निकाय द्वारा शासन और प्रक्रियात्मक अखंडता के संबंध में खामियों के मद्देनजर लिया गया था, जो कथित तौर पर पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण में था, जिसमें पूर्व भाजपा नेता और पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण सिंह भी शामिल थे, जिन पर कई पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. डब्ल्यूएफआई ने अक्टूबर 2024 में मंत्रालय को पत्र लिखकर उसके खिलाफ दिसंबर 2023 का निलंबन आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था.