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T20 विश्वकप 2024 में हुई थी फाइनेंसियल गड़बड़ी? अब ICC ने दिए फॉरेंसिक ऑडिट के आदेश

ICC on T20 World 2024 Fiscal impropriety: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने हाल ही में आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 के आयोजन की समीक्षा करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की है. इस समिति ने अब एक व्यापक फोरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला किया है और इस उद्देश्य के लिए एक बाहरी कंपनी को नियुक्त करने की संभावना है.

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Edited By: India Daily Live
ICC Meeting
Courtesy: Twitter/Social

ICC on T20 World 2024 Fiscal impropriety: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सामने एक गंभीर संकट खड़ा हो गया है. हाल ही में संपन्न हुए टी20 विश्व कप 2024 के आयोजन में व्यापक वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद आईसीसी ने स्वतंत्र जांच शुरू की है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आईसीसी ने एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है जो इस पूरे मामले की बारीकी से पड़ताल करेगी.

विश्वकप आयोजन में हुई फाइनेंशियल गड़बड़ी

सूत्रों के मुताबिक, आईसीसी के उच्च अधिकारियों को इस बात की गहरी आशंका है कि विश्व कप आयोजन में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी हुई है. इस संदेह के आधार पर ही आईसीसी ने एक फोरेंसिक ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. इस ऑडिट के लिए एक बाहरी कंपनी को नियुक्त किए जाने की संभावना है, जो विश्व कप आयोजन के हर पहलू, हर लेन-देन की गहन जांच करेगी.

हिल गया है आईसीसी का टॉप मैनेजमेंट

यह मामला आईसीसी के शीर्ष नेतृत्व को भी हिलाकर रख दिया है. पिछले हफ्ते ही आईसीसी के दो प्रमुख अधिकारियों, इवेंट्स के प्रमुख क्रिस टेटले और मार्केटिंग और कम्युनिकेशंस प्रमुख क्लेयर फर्लोंग ने इस्तीफा दे दिया. हालांकि उनके इस्तीफे के पीछे के असली कारणों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि ये इस्तीफे चल रही जांच से जुड़े हो सकते हैं.

आईसीसी की वार्षिक बैठक श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हुई, जहां इस मामले पर विस्तार से चर्चा की गई. आईसीसी के सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि अगर जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. यहां तक कि आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले और सीईओ ज्योफ ऑलार्डिस को भी इस्तीफा देना पड़ सकता है.

आईसीसी ने जांच समिति को दी है पूरी आजादी

आईसीसी ने जांच समिति को पूरी आजादी दी है. समिति न केवल विश्व कप आयोजन में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच करेगी बल्कि क्रिस टेटले और क्लेयर फर्लोंग की भूमिका की भी पड़ताल करेगी. दोनों अधिकारियों को जांच के दौरान निलंबित भी किया जा सकता है.

आईसीसी के सामने अब एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है. न केवल उसे इस मामले की गंभीरता से निपटना होगा बल्कि विश्वास बहाली के उपाय भी करने होंगे. विश्व भर में क्रिकेट प्रेमियों की नजरें इस जांच पर टिकी हैं. आईसीसी को न केवल सही काम करना होगा बल्कि यह भी दिखाना होगा कि वह सही काम कर रहा है.

क्रिकेट में भूचाल मचा रहा है ये मामला

यह मामला क्रिकेट जगत में एक भूचाल जैसा है. अगर आरोप सही साबित होते हैं तो इससे न केवल आईसीसी की साख को धक्का लगेगा बल्कि विश्व कप जैसे बड़े आयोजन की विश्वसनीयता पर भी गंभीर प्रश्न उठेंगे. इसके अलावा, खेल के प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे भी सामने आए हैं.

इस मामले के परिणाम न केवल आईसीसी के भविष्य को प्रभावित करेंगे बल्कि पूरे क्रिकेट जगत की साख पर भी असर डालेंगे. इसलिए, यह आवश्यक है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

क्रिकेट मैनेजमेंट में चाहिए सुधार

इस संकट के बीच, क्रिकेट प्रशासन में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया जा रहा है. अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और अच्छे प्रशासन के सिद्धांतों को अपनाना जरूरी है. विश्व कप जैसे बड़े आयोजनों की निगरानी के लिए और अधिक कड़े नियम बनाने की आवश्यकता है.

यह मामला क्रिकेट जगत के लिए एक परीक्षा की घड़ी है. जिस तरह से आईसीसी इस चुनौती का सामना करता है, उससे भविष्य में क्रिकेट प्रशासन की दिशा तय होगी.