Viswanathan Anand Birthday: विश्वनाथन आनंद, जिन्हें विशी के नाम से भी जाना जाता है, वह एक ऐसा नाम है जो चैस की दुनिया में अपनी ताकत और महानता के लिए प्रसिद्ध है. आज, 11 दिसंबर को, वह अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं. विशी का जन्म 1969 में तमिलनाडु के मायलादुथुराई में हुआ था. अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई से की और इसके बाद उन्होंने चैस के खेल में गहरी रुचि विकसित की और इसे अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लिया. वह पांच बार के ग्लोबल चैस चैम्पियन रहे हैं और चैस की दुनिया में उनका योगदान अनमोल है.
विश्वनाथन आनंद की चैस जर्नी 6 साल की उम्र में शुरू हुई थी. उनकी मां से चैस की प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद, उन्होंने खुद को एक चाइल्ड प्रोडिजी के रूप में साबित किया. 1987 में, उन्होंने भारत का नाम रोशन करते हुए ग्लोबल जूनियर चैस चैंपियनशिप जीतने का रिकॉर्ड कायम किया. इसके बाद 1988 में, केवल 18 साल की उम्र में, वह भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने.
ग्लोबल चैस चैम्पियनशिप: विश्वनाथन आनंद ने 2000, 2002, 2007, 2008 और 2010 में पांच बार ग्लोबल चैस चैम्पियनशिप जीती. 2007 में, मैक्सिको सिटी में हुए एक डबल राउंड-रॉबिन टूर्नामेंट में उन्होंने अपराजेय चैम्पियन के रूप में अपना नाम दर्ज किया.
ईलो रेटिंग: मार्च 2011 में, उन्होंने 2817 की रेटिंग हासिल की. वह उन कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने 2800 की रेटिंग के आंकड़े को पार किया है.
चैस वर्ल्ड कप: विश्वनाथन आनंद ने 2000 और 2005 में चेस वर्ल्ड कप दो बार जीता.
रैपिड चैस चैम्पियनशिप: 2017 में, उन्होंने FIDE वर्ल्ड रैपिड चेस चैम्पियनशिप जीतकर चैस की दुनिया में अपनी तेज सोच और रणनीति का लोहा मनवाया.
अन्य टूर्नामेंट्स: वह पांच बार टाटा स्टील, तीन बार कोरस और दो बार लिनेरेस टूर्नामेंट जीत चुके हैं.
पद्म पुरस्कार: भारत सरकार ने उनके चैस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया है.
चैस पर प्रभाव: विश्वनाथन आनंद का चैस पर प्रभाव सिर्फ उनके खिताबों तक सीमित नहीं है. उनका योगदान चैस को भारत में लोकप्रिय बनाने में अहम रहा है. उनकी सफलता ने कई युवा खिलाड़ियों को चैस खेलने के लिए प्रेरित किया.