Under 19 WC 2024: इस दुनिया में हर कोई कुछ बनने, कुछ बड़ा करने का सपना संजोता है और उसे पाने के लिए मेहनत में जुट जाता है. आज से करीब 40 से 50 साल पहले दो शख्स ने क्रिकेटर बनने का सपना देखा था, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से वो उस मुकाम तक नहीं पहुंचे पाए, इसके बाद भी क्रिकेट के प्रति उनका जुनून और प्यार कम नहीं हुआ. जिसका नतीजा ये रहा कि इन दोनों ने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने में कोई कोर कसर हीं छोड़ी. आज उनके बेटे अंडर 19 विश्व कप 2024 में टीम इंडिया के लिए धमाल मचा रहे हैं, जिनका नाम उदय सहारन और सचिन धास है.
संजीव सहारन और संजय धास ने सालों पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने का जो सपना देखा था, लेकिन किन्हीं कारणों तक वह उसे पूरा नहीं कर सके. उदय और सचिन के पिता की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि आज उनके बेटे क्रिकेटर हैं. उन्होंने वो कहावत भी सच साबित कर दिखाई जिसमें बार-बार कहा जाता है कि मेहनत अगर पूरी जिद और लग्न से की जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है. टीम इंडिया के कप्तान उदय सहारन के पिता पिता संजीव सहारन स्टेट लेवल प्लेयर रहे हैं. वहीं सचिन धास के पिता संजय ने यूनिवर्सिटी लेवल तक क्रिकेट खेला.
अंडर 19 विश्व कप 2024 के फाइनल में टीम इंडिया पहुंच चुकी है. इस टूर्नामेंट में उदय सहारन और सचिन धास टीम इंडिया के लिए स्टार प्लेयर रहे हैं. दोनों ने अपनी काबिलियत का बढ़िया नजारा पेश किया और दुनिया का दिल जीत लिया. सेमीफाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 171 रन की पार्टनरशिप करके इन दोनों ने हारी हुई बाजी पलट दी और टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री कराई.
उदय सहारन के पिता संजीव सहारन ने राज्य स्तर तक क्रिकेटर खेला. वे उदयपुर क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से क्रिकेट खेलते थे. वे राजस्थान के दयानंद धनकड़ टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं. यह टूर्नामेंट में रणजी ट्रॉफी से पहले आयोजित होता था, जैसे आज चैलेंजर ट्रॉफी होती है. एक बार रणजी में उनका नाम आया था, लेकिन पता नहीं चलने के चलते वे पहुंच नहीं पाए. इस तरह मौका हाथ से निकल गया. इसके बाद संजीव ने क्रिकेट अकादमी खोली, जिसमें अपने बेटे उदय को ट्रेनिंग दी.
संजाव बताते हैं कि वे उदय को 3 साल की उम्र में ही अकादमी ले जाने लगे थे. इसके लिए उन्हें रिश्तेदारों ने ताना भी माना कि बेटे का करियर बर्बाद करने पर लगा है, लेकिन संजीव को कहीं न कहीं भरोसा था कि जो मौका उनके हाथ से निकला है वो उनकी भरपाई बेटा करेगा, जो आज सच साबित हुआ.
6 मैचों में 389 रन
64.83 का औसत
1 शतक और 3 फिफ्टी
सचिन धास ने सेमीफाइनल में 96 रन बनाकर टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाया. उनके पिता संजय धास नेशनल लेवल कबड्डी प्लेयर हैं. वे खुद इंटरनेशनल क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन वो यूनिवर्सिटी लेवल तक ही क्रिकेट खेल पाए. संजय महान बैटर सचिन तेंदुलकर के बड़े फैन हैं. इसलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम भी तेंदुलकर के नाम ही रखा है. जब संजीव क्रिकेटर नहीं बन पाए तो उन्होंने जन्म से पहले ही अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने की ठान ली थी, आज ये सपना सच हो गया है. संजय ने अपने परिवार और पत्नी से ये तक कह दिया था कि 'इकलौता लड़का है, इसे क्रिकेटर ही बनाऊंगा और इसका अच्छा और बुरा दोनों के लिए मैं जिम्मेदार रहूंगा.'
6 मैचों में 294 रन
औसत 73.50
1 शतक और 1 फिफ्टी