U 19 World Cup: साउथ अफ्रीका में खेले जा रहे अंडर 19 विश्व कप 2024 में टीम इंडिया ने रिकॉर्ड 9वीं बार फाइनल में एंट्री की है. सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने मजबूत मेजबान साउथ अफ्रीका को 2 विकेट से रोमांचक शिकस्त दी. 6 फरवरी को खेले गए इस बड़े मुकाबले में एक वक्त लगा था कि टीम इंडिया मैच हार जाएगी, लेकिन सेमीफाइनल में भारत के लिए 19 साल के लड़का संकटमोचन बना, नाम है सचिन धास. महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्शन मानने वाले इस लड़के ने साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों का सामना किया और टीम को मुश्किल स्थिति से निकाला.
सचिन धास 4 रनों से अपने शतक से चूक गए, लेकिन उन्होंने 95 गेंदों पर 96 रनों की दिल जीत लेने वाली पारी खेली और कप्तान उदय सहारन के साथ मिलकर टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाया. सचिन एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका जन्म से पहले ही क्रिकेटर बनना तय हो गया था. ये कहानी जानने से पहले पहले मुकाबले की बात कर लेते हैं...
सेमीफाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने पहले बैटिंग करते हुए बोर्ड पर 244 रन लगाए थे. जिसका पीछा करते हुए टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही. टीम ने 12 ओवरों में सिर्फ 35 रनों पर अपने 4 अहम विकेट खो दिए. यहां से भारत को कोई चमत्कार ही जीत दिला सकता था. ऐसे में सचिन धास और कप्तान उदय सहारन ने मोर्चा संभाला और दोनों ने पांचवें विकेट के लिए रिकॉर्ड 171 रन की साझेदारी कर चमत्कार कर दिया. कप्तान उदय सहारण 81 जबकि सचिन ने 96 रनों की पारी खेली और टीम को जीत दिला दी.
What an exhilarating game!
— Vipin Tiwari (@Vipintiwari952_) February 6, 2024
India's under-19 team displayed remarkable patience under pressure, with Sachin Das and Captain Uday Saharan delivering truly sensational innings, securing India's spot in the finals. pic.twitter.com/iP7cCxpm2p
सेमीफाइनल जैसे बड़े मुकाबले में सचिन की बैटिंग देख हर कोई उनका कायल हो गया. उन्होंने अपने नाम के हिसाब से विरोधियों के छक्के छुड़ाए. सचिन छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे. उन्होंने पहले तो महान बैटर सचिन तेंदुलकर की ही तरह संयम बरता फिर मौका मिलने पर गेंदों को बाउंड्री पार भेजा. सचिन ने कुल 121 मिनट क्रीज पर बिताए. इस दौरान 11 चौके और 1 छक्के की मदद से 96 रन बनाए. उन्होंने 47 गेंद में फिफ्टी पूरी की थी, वो शतक के करीब थे, लेकिन टूर्नामेंट के सबसे सफल तेज गेंदबाज मफाका की स्लोअर बॉल पर 96 रनों बनाकर आउट हो गए. इस तरह वह टूर्नामेंट में अपना दूसरा शतक लगाने से चूक गए.
धास महाराष्ट्र के बीड जिले से आते हैं. उनके पिता महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बड़े फैन हैं. इसलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम भी सचिन रखा. 19 साल का यह खिलाड़ी पिछले साल खेले गए महाराष्ट्र प्रीमियर लीग 2023 में कोल्हापुर टस्कर्स का हिस्सा था. सचिन के पिता संजय स्वास्थ्य विभाग में काम करते हैं. मां सुरेश असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर हैं. खास बात ये है कि दोनों ने राज्य स्तर तक कबड्डी भी खेली है. संजय तो यूनिवर्सिटी लेवल तक क्रिकेटर भी रहे थे.
Come on Sachin Das and Uday Saharan
— sarcastic (@Sarcastic_broo) February 6, 2024
💪🏻
We are Almost into the Final #U19WorldCup #INDvsSA #INDvSA pic.twitter.com/gTN33Lt2gT
बताया जाता है कि जब सचिन धास पेट में थे तो उनके पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने की ठान ली थी. पिता संजय महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर दोनों के जबरा फैन थे, लेकिन बेटे का नाम उन्होंने सचिन के नाम पर रखा, क्योंकि वो कहते हैं कि सचिन नाम इसलिए रखा ताकि वह सचिन तेंदुलकर से कनेक्ट कर सके, अभी का जेनरेशन गावस्कर सर को क्या समझेगा.
सचिन के बारे में एक और कहानी है कि जब वो साढ़े चार साल के थे तब उनके पिता ने क्रिकेटर बनाने के लिए ट्रेनिंग शुरू करा दी थी. इसके लिए उन्होंने शेख अजहर की एकेडमी में दाखिला कराया था. जहां सचिन ने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं. उस वक्त बीड में टर्फ विकेट नहीं होते थे. इसलिए संजय और उनके कोच अजहर ने उधार के पैसे जुटाए और टर्फ विकेट बनाए, जहां सचिन की तैयारी हुई.
सचिन धास के कोच अजहर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि आज से करीब 2 साल पहले पुणे में एक अंडर 19 टूर्नामेंट हुआ था, जिसमें सचिन ने बड़े-बड़े छक्के लगाए थे. जिसे देखकर हर कोई हैरान था. यहां तक कि आयोजन भी चकित रह गए थे. इसके बाद उन्होंने सचिन का बल्ला मंगाया और उसकी चौड़ाई चैक कराई. जो सही निकली थी, लेकिन वो हैरान थे कि सामान्य कदकाठी वाला लड़का ऐसे छक्के कैसे लगा रहा है.
India make it to their fifth consecutive Men’s #U19WorldCup Final 🎉 pic.twitter.com/u7TqPEZSCS
— ICC Cricket World Cup (@cricketworldcup) February 6, 2024
सचिन ने इस विश्व कप के शुरुआती 5 मैचों में उन्होंने 26*, 21*, 20, 15 और 116 रनों की पारी खेली थी. इन्हीं पारियों की मदद से भारतीय टीम उन मैचों में आखिरी 10 ओवर में बड़ा स्कोर बनाने में सफल रही थी. इसके बाद सेमीफाइनल में 96 रनों की सबसे जरूरी इनिंग्स खेली.