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हर्षित राणा को कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में शामिल कर भारत ने की बेईमानी? क्यों मचा इतना बवाल, जानें क्या कहता है ICC का नियम

Harshit Rana: भारत की सीरीज जीत से अधिक चर्चा हर्षित राणा को लेकर हुई. राणा को टीम इंडिया ने कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में अपनी प्लेइंग इलेवेन में शिवम दुबे के स्थान पर शामिल किया था.

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Harshit Rana: भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टी-20 मैच भारत ने 15 रनों से अपने नाम किया है. इसी के साथ टीम इंडिया ने इस सीरीज में भी 3-1 से बढ़त बना ली है. हालांकि, भारत की सीरीज जीत से अधिक चर्चा हर्षित राणा को लेकर हुई. राणा को टीम इंडिया ने कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में अपनी प्लेइंग इलेवेन में शिवम दुबे के स्थान पर शामिल किया था.

अब इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लगातार भारत पर बेईमानी करने के आरोप लग रहे हैं. तो वहीं भारत के दिग्गज खिलाड़ी भी इसको लेकर सवाल उठा रहे हैं. बता दें कि दिग्गजों का कहना है कि राणा दुबे के लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट नहीं थे और ऐसे में मैच रेफरी पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस तरह से हम इस आर्टिकल के माध्यम से ये जानने वाले हैं कि आखिर इसके लिए ICC का नियम क्या कहता है.

राणा को शामिल करने पर दिग्गजों ने उठाए सवाल

दरअसल, राणा को शामिल करने पर सबसे पहले इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने कहा कि "दुबे के लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट हर्षित राणा नहीं थे. हम इससे खुश नहीं हैं." तो वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि "एक बल्लेबाज को एक गेंजबाज कैसे रिप्लेस कर सकता है."

यही नहीं टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ने आलोचना करते हुए कहा कि "ये एक आइडल रिप्लेसमेंट नहीं है. शायद रमनदीप सिंह बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं."

क्या कहता है ICC का नियम

दरअसल, साल 2019 में आईसीसी ने इस नियम को लागू किया था और ऐसे में ये कहा गया था कि अगर किसी बल्लेबाज के हेलमेट पर गेंद लगती है और वो स्वस्थ महसूस नहीं कर रहा है, तो उसे मैदान ले जाया जा सकता है. यही नहीं अगर उसे आगे भी समस्या होती है, तो उसके स्थान पर दूसरे खिलाड़ी को टीम में शामिल किया जा सकता है. हालांकि, खिलाड़ी लाइक टू लाइक होना चाहिए. यानि गेंदबाज के स्थान पर गेंदबाज, बल्लेबाज के स्थान पर बल्लेबाज और ऑलराउंडर के स्थान पर ऑलराउंडर.

ऐसे में राणा को शामिल को शामिल करने पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, अगर टीम में लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट मौजूद नहीं है, तो ऐसे में समय में मैच रेफरी अपने हिसाब से फैसला ले सकता है और इस मुकाबले में इसी नियम का फायदा उठाया गया है.