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India Daily

'खतरे में ODI क्रिकेट का भविष्य' चैंपियंस ट्रॉफी के पहले दो मैचों को देखकर ICC भी हैरान!

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पहले दो मैचों में स्टेडियम खाली दिखे, जिसकी वजह से अब ODI क्रिकेट के भविष्य पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. इसने ICC को भी हैरानी में डाल दिया है.

Champions Trophy 2025
Courtesy: X

Champions Trophy 2025: पाकिस्तान की मेजबानी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 खेली जा रही है और इसके पहले दो मुकाबले खेले जा चुके हैं. पहले मैच में मेजबान पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीम आमने-सामने थी. तो वहीं दूसरे मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश का सामना दुबई में किया. इन दो मैचों को देखने के बाद वनडे क्रिकेट को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं.

जिस तरह से इन दोनों मुकाबलों में अभी तक देखने के मिला है, उससे आईसीसी भी हैरान होगा और एक बड़ी चिंता इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के लिए होने वाली है. जारी मेगा इवेंट में जिस तरह से स्टेडिम खाली देखे गए हैं, उसने अब इस फॉर्मेट को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि एक आईसीसी टूर्नामेंट में भी स्टेडियम खाली देखने को मिले हैं, जिससे आईसीसी की भी चिंता बढ़ गई है.

पहले दोनों मैचों में खाली दिखे स्टेडियम

पाकिस्तान में 29 सालों बाद कोई आईसीसी इवेंट हो रहा था, जिससे ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि यहां पर ओपनर मैच में दर्शकों का हुजूम देखने को मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और स्टेडियम में खाली कुर्सियां देखने को मिली. इसके बाद उम्मीद थी कि भारत के खिलाफ होने वाले मुकाबले में दुबई में भारी संख्या में फैंस पहुंचेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला और इस मुकाबले के दौरान भी स्टेडियम खाली रहा.

पहले दो मैचों में अस तरह से स्टेडियम खाली रहने के बाद अब वनडे क्रिकेट के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल, आज के दौर में टी-20 क्रिकेट का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है और इसकी वजह से वनडे क्रिकेट का अस्तित्व खतरे में आ गया है. आईसीसी को भी इस फॉर्मेट को लेकर चिंता होगी क्योंकि ये एक समय पर सबसे अधिक देखा जाने वाला प्रारूप हुआ करता था, जो आज खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है.

भारत-पाकिस्तान मुकाबले का क्रेज

23 फरवरी को चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान के बीच महामुकाबला देखने को मिलने वाला है. इस मुकाबले के लिए दोनों देशों के फैंस के बीच गजब का क्रेज देखने को मिल रहा है लेकिन सवाल यही है कि क्या ये फॉर्मेट किसी दो देशों के मुकाबले तक सिमट कर रह गया है.