T20 World Cup Controversy: 1 जून 2024 से आईसीसी टी20 विश्व कप की शुरुआत हो रही है. वेस्टइंडीज और अमेरिका की सरजमीं पर ये विश्व कप खेला जाना है, जिस पर पूरी दुनिया की नजर है. इस मेगा टूर्नामेंट में कुल 20 टीमें हिस्सा ले रही हैं. साल 2007 में पहला संस्करण खेला गया था, तब से लेकर अब तक 8 संस्करण हो चुके हैं. इतने सालों में इस टूर्नामेंट में फैंस झूमे, कई रिकॉर्ड बने और टूटे. कई ऐसे मौके भी रहे जहां विवादों ने लोगों का ध्यान खींचा. सबसे बड़ा विवाद पहले ही सीजन यानी 2007 में हुआ था, जिसके बाद इतिहास रचा गया.
दरअसल, बात साल 2007 की है. उस साल साउथ अफ्रीका में टी20 विश्व कप चल रहा था. भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए एक मैच में टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह और एंड्रयू फ्लिंटॉफ के बीच विवाद हो गया था, उस मैच में फ्लिंटॉफ इंग्लैंड के कप्तान थे. दोनों में काफी बहस हो गई थी और युवराज गुस्से से लाल हो गए थे. इस विवाद का खामियाजा तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने भुगता, क्योंकि युवराज ने अपना पूरा गुस्सा बल्ले से उतारा और ब्राड के एक ओवर में 6 छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था.
युवराज सिंह ने रचा था इतिहास
एंड्रयू फ्लिंटॉफ के साथ हुए विवाद के बाद युवराज सिंह ने एक ओवर में 6 छक्के लगाकर इतिहास रचा था. टी20 फॉर्मेट में वो ऐसा करने वाले पहले क्रिकेटर बने थे. उस मैच में युवराज सिंह ने सिर्फ 12 गेंदों पर फिफ्टी ठोकी थी, जो टी20 इंटरनेशनल की सबसे तेज फिफ्टी थी. इस विवाद को लेकर युवी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 'वो झड़प मेरे लिए फायदेमंद साबित हुई, मैं गुस्से में था, सिर्फ हर बॉल पर तगड़ा शॉट लगाना चाहता था और ऐसा ही किया.
6️⃣ x 6️⃣ 🔥#OnThisDay in 2007, where were you when Yuvraj Singh became the first batter in men's T20Is to smash six sixes in an over? 😮pic.twitter.com/FRsc8ORIWs
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) September 19, 2022
क्यों हुई थी बहस
दरअसल, इंग्लैंड और भारत के बीच चल रहे उस मैच में 18वें ओवर के ठीक पहले इंग्लिश बॉलर फ्लिंटॉफ और युवराज सिंह के बीच फील्ड पर बहस हुई थी. फ्लिंटॉफ के 17वें ओवर में युवराज सिंह ने दो चौके लगाए थे, इसलिए वो युवी से उलझ गए थे. फ्लिंटॉफ से झगड़े के कारण गुस्से में आए युवराज ने अगले यानी 18 वें ओवर में 6 छक्के लगाकर अपनी भड़ास निकाली थी.
टीम इंडिया जीती थी मैच
युवराज सिंह की 6 बॉल में 58 रन की तूफानी पारी के दम पर भारत ने 4 विकेट खोकर 218 रन बनाए थे, इंग्लैंड ये मैच 18 रन से हार गई थी. उस सीजन भारत ने खिताब भी अपने नाम किया था. एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया विश्व विजेता बनी थी.