भारत एक और आईसीसी ट्रॉफी जीतने की दहलीज पर खड़ा है. पिछले एक साल में ये भारतीय टीम का तीसरा आईसीसी टूर्नामेंट का फाइनल है. टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे वर्ल्ड का फाइनल हारने वाली टीम के पार एक और मौका है. मौका राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा के लिए भी. यह राहुल द्रविड़ का भारतीय कोच के रूप में आखिरी दिन होगा. यह रोहित शर्मा के लिए टी20 कप्तान के रूप में आखिरी मुकाबला हो सकता है.
टीम इंडिया 29 जून को बारबाडोस में टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेंगे. एक अरब लोगों के सपने को लेकर रोहित शर्मा मैदान में उतरेंगे. द्रविड़-रोहित की जोड़ी एक सुखद अंत की उम्मीद कर रही है. हां, खेल में कोई भी किसी चीज का हकदार नहीं होता. सब कुछ जीता जाता है. सब कुछ कमाया जाता है. फिर भी, यह सही होगा कि रोहित और द्रविड़ की टीम का ICC के ताज के लिए भारत का 11 साल का इंतजार खत्म हो जाए. द्रविड़ की कोचिंग में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया.
रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ ने इस टीम को बनाया है. 2022 के टी20 वर्ल्ड कप में मिली हार के बाद टीम इंडिया के माइंड सेट में बदलाव देखा गया. कप्तान और कोच के रूप में अपनी पहली सीरीज में ही रोहित और द्रविड़ ने दिखा दिया था कि आगे क्या होने वाले हैं. रोहित ने सावधानी से शुरुआत करने और फिर अंत में तेज खेलने के फॉर्मूले को बदल दिया. पहली गेंद से पांचवें गेयर में बैटिंग होने लगी. रोहित शर्मा ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी ली. उसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है.
मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की कोचिंग में खेलने से पहले 117 टी 20 आई में, रोहित ने 139.51 की स्ट्राइक रेट और 32.82 की औसत से 3086 रन बनाए थे. उन्होंने 4 शतक और 24 अर्द्धशतक लगाए. कोच द्रविड़ के साथ हाथ मिलाने के बाद से रोहित ने 42 टी 20 में 144.03 की स्ट्राइक रेट और 31.15 की औसत से 1184 रन बनाए हैं. उन्होंने केवल एक शतक और 8 अर्द्धशतक लगाए हैं.
2023 की बात करें तो रोहित शर्मा घरेलू मैदान पर वनडे विश्व कप में अलग ही अंदाज में नजर आए. उन्होंने वनडे क्रिकेट में 125 की स्ट्राइक रेट से 597 रन बनाए, विपक्षी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाईं और उनके मन में डर पैदा किया. रोहित शर्मा अपनी रणनीति पर अड़े हुए हैं. वह उसी आक्रमकता से खेल रहे हैं. इस वर्ल्ड कप में भी रोहित शर्मा आते ही सामने वाली टीम पर हावी हो जाते हैं. पूरी टीम रोहित शर्मा के दिखाए रास्ते पर चल रही है.
पिछले साल वनडे विश्व कप के बाद से रोहित और द्रविड़ ने टीम को जो भूमिकाएं दी हैं, वे शानदार हैं. रोहित के आक्रामक तरीके ने न केवल विपक्षी टीम को पीछे धकेल दिया है, बल्कि उनके साथियों पर भी इसका असर पड़ा है. ऐसा लगता है कि ऋषभ पंत को आउट होने की चिंता न करने के लिए कहा गया है. सूर्यकुमार यादव ने बड़े-बड़े गेंदबाजों के खिलाफ भी बिना किसी डर के खेला है. हार्दिक पांड्या ने फिनिशर के तौर पर कमाल दिखाया है. टूर्नामेंट में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को धूल चटाई, उससे पता चलता है कि वे अपनी प्रक्रिया पर अड़े रहे.