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जिसने दिया क्रिकेट की दुनिया को DLS अब वही जहां छोड़ चले, 84 की उम्र में ली आखिरी सांस

DLS: डक वर्थ लुईस नियम को बनाने वाले को फाउंडर स्टैटीशियन डकवर्थ का 84 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके को-फाउंडर टोनी लुईस का निधन 2020 में हुआ था. दोनों ने DLS फॉर्मूला को ईजाद किया था. आज इस फॉर्मूले के चलते बारिश के दौरान विजेता टीम की घोषणा होती है. बीसीसीआई ने शुरुआत में इस फार्मूले को नहीं माना था. हालांकि, सालों बात साल 2006 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इसे अपना लिया था.   

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Statistician Duckworth
Courtesy: Social Media

DLS: क्रिकेट में जब बारिश होती है तो पहले खेल चुकी टीम की सांसे सूख जाती है क्योंकि डीएलएस की दीवार बीच में खड़ी होती है. ऐसा कई बार हुई लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम आधे ओवर खेलकर, पूरे रन न बनाकर भी मैच जीत जाती है. कारण DLS. आज इसी मेथड के आविष्कारक का निधन हो गया. इस मेथड की खोज फ्रैंक डकवर्थ ने की थी. उन्होंने 84 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.            

इससे 4 साल पहले टोनी लुइस का निधन हुआ था. फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुइस ने मिलकर डीएलएस का फार्मूला इजाद किया था.

1997 में पहली बार अपनाया गया नियम

स्टैटीशियन डकवर्थ ने टोनी लुईस ने साथ मिलकर 1977 में डक वर्थ लुइस नियम की खोज की थी. इस नियम को आईसीसी ने 1 जनवरी 1997 को पहली दफा अपनाया था जब जिम्बाब्वे और इंग्लैंड के बीच मैच खेला गया था. इस मुकाबले में बारिश की वजह से जिम्बाब्वे ने 7 रनों से मुकाबला जीत लिया था.

1999 के विश्व कप में इस नियम को पूरी तरह से लागू कर दिया गया था. हालांकि, भारत ने इस नियम का पहले विरोध किया था लेकिन 2006 में इसे बीसीसीआई ने अपना लिया था.  साल 2010 में स्टैटीशियन डकवर्थ को मेंबर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

2015 में बदल गया था नाम

पहले डीएलएस का नाम डीएल हुआ करता था. साल 2015 में इसे बदलकर डीएलएस कर दिया गया. यानी  डकवर्थ लुईस फॉर्मूला से डकवर्थ लुईस स्टर्न फॉर्मूला कर दिया गया.

कैसे काम करता है यह फॉर्मूला

डीएलएस 3-डायमेंशनल फार्मूला है. इसके जरिए टीमों को विजेता घोषित करते हुए रन, विकेट और ओवर को ध्यान में रखा होता है. इन तीनों के आधार पर ही ये तय किया जाता है कि किस टीम ने कितने संसाधन खर्च किए हैं और बचे हुए संसाधन में वह कितना स्कोर कर सकती है.

उदाहरण से समझिए

मान लीजिए एक टीम ने 50 ओवर में 270 रन बनाए. दूसरी टीम ने मात्र 30 ओवर खेला उसके बाद बारिश हो गई. दूसरी टीम ने 4 विकेट खोकर 160 रन बनाए थे. बारिश नहीं रुकी तो डीएलएस के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया. इसमें दूसरी टीम विजेता हो गई. आइए जानते हैं कैसे?

पहली टीम ने 50 ओवर खेलकर 270 रन बनाए. यानी उसने अपने पूरे 100 फीसदी संसाधन खर्च किए. वहीं, दूसरी टीम ने 30 ओवर खेले हैं. उसके बीस ओवर बचे हैं. उसके 4 विकेट गिरे थे यानी 6 विकेट बचे हैं. तो उसने उसके 55.4 फीसदी संसाधन बचे हैं. ऐसे में फॉर्मूला बनेगा- 270 *(55.4/100). इस हिसाब से दूसरी टीम के लिए लक्ष्य निकाल 150. दूसरी टीम पहले ही 160 बना चुकी है तो उसे 10 रनों से विजेता घोषित कर दिया जाएगा.