Shikhar Dhawan: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर शिखर धवन, जिनकी गिनती सबसे आक्रामक बल्लेबाजों में होती है. उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. अब वे विभिन्न टी20 लीग्स में खेलते हुए नजर आते हैं.
क्रीज पर अपने दमदार शॉट्स और बेखौफ अंदाज के लिए मशहूर धवन का आज सबसे बड़ा संघर्ष निजी जीवन में चल रहा है. वे अपने बेटे जोरावर से दूरी के कारण भावनात्मक चुनौती का सामना कर रहे हैं.
बेटे जोरावर से दूरी का दर्द
शारीरिक रूप से मजबूत और आत्मविश्वास से भरे दिखने वाले शिखर धवन अपने बेटे जोरावर से जुदाई के कारण अंदर से बेहद टूट चुके हैं. अक्टूबर 2023 में अपनी पूर्व पत्नी आयशा मुखर्जी से तलाक के बाद, उन्हें जोरावर की कस्टडी नहीं मिली. हालांकि उन्हें बेटे से मिलने और वीडियो कॉल के जरिए संपर्क की अनुमति मिली थी, लेकिन अब वे उससे किसी भी माध्यम से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. यह जुदाई उनके लिए सबसे बड़ी भावनात्मक चुनौती बन गई है, जिससे वे रोज़ जूझ रहे हैं.
बेटे से मिलने की उम्मीद
हाल ही में एक इंटरव्यू में शिखर धवन अपने बेटे को याद करते हुए भावुक हो गए. जब उनसे पूछा गया कि अगर वे अपने बेटे से मिलते हैं तो क्या करेंगे, तो उन्होंने रुंधे गले से कहा, “सबसे पहले, मैं उसे गले लगाऊंगा, उसके साथ समय बिताऊंगा और उसकी बातें सुनूंगा. शायद, मैं बस उसके साथ बैठकर रोऊंगा.” धवन के इस बयान ने उनके फैंस को भी भावुक कर दिया और सोशल मीडिया पर यह इंटरव्यू वायरल हो गया.
बेटे से अलगाव की पीड़ा
शिखर धवन ने खुलासा किया कि वे अपने बेटे को देखे बिना दो साल और उससे बात किए बिना एक साल से अधिक समय से गुजर चुके हैं. उन्होंने कहा, “मैं हर जगह से ब्लॉक हूं, लेकिन फिर भी मैं उससे आध्यात्मिक रूप से जुड़ा महसूस करता हूं. मैं हर दिन उसे गले लगाने की कल्पना करता हूं. यह दूरी मेरे लिए बेहद कठिन है और मैं उसे बहुत याद करता हूं.” जोरावर अब 11 साल का हो चुका है, लेकिन धवन ने उसके साथ केवल ढाई साल ही बिताए हैं.
केवल दुखी होने से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा: धवन
शिखर धवन का मानना है कि केवल दुखी होने से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा. वे चाहते हैं कि जोरावर जहां भी रहे, खुश और स्वस्थ रहे. उन्होंने कहा, “मुझे उसे वापस लाना है, लेकिन दुखी होने से कुछ हासिल नहीं होगा. मैं उसे हर तीन-चार दिन में मैसेज करता हूं, भले ही मुझे ब्लॉक कर दिया गया हो. मेरा कर्तव्य है कि मैं उसे याद दिलाता रहूं कि मैं हमेशा उसके साथ हूं.”
क्रिकेट से संन्यास और भविष्य की राह
शिखर धवन ने 2024 में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले लिया. अपने करियर में उन्होंने भारत के लिए सभी प्रारूपों में 10,000 से अधिक रन बनाए और भारतीय क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई. मैदान पर अटूट आत्मविश्वास और आक्रामक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले धवन के लिए बेटे से जुदाई का दर्द सबसे कठिन संघर्ष बन गया है. हालांकि वे सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं और इस उम्मीद में जी रहे हैं कि एक दिन वे अपने बेटे से मिलेंगे और उसे गले लगा सकेंगे.