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India Daily

शमी के समर्थन में उतरीं शमा मोहम्मद, मौलाना के आरोपों पर दिया करारा जवाब

कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद, जिन्होंने पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस पर टिप्पणी की थी, अब मोहम्मद शमी के समर्थन में खड़ी हुई हैं. रमजान में शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर मौलाना ने सवाल उठाए.

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Edited By: Ritu Sharma
Mohammed Shami:
Courtesy: Social Media

Mohammed Shami: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रमजान के दौरान रोजा न रखने को लेकर उठे विवाद पर कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने उनका बचाव किया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में उपवास के लिए छूट की अनुमति है, खासकर उन लोगों के लिए जो यात्रा कर रहे हैं या शारीरिक रूप से कठिन गतिविधियों में लगे हुए हैं.

शमी के समर्थन में कांग्रेस नेता

आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मोहम्मद शमी को रमजान के दौरान रोजा न रखने के लिए 'अपराधी' बताया था. उन्होंने कहा कि इस्लाम में रोजा रखना फर्ज है और जो इसे जानबूझकर छोड़ता है, वह पापी कहलाता है.

वहीं इस पर आगे प्रतिक्रिया देते हुए शमा मोहम्मद ने एएनआई से कहा, ''इस्लाम एक बहुत ही वैज्ञानिक धर्म है. रमजान के दौरान यात्रा करने वालों को उपवास रखने की बाध्यता नहीं होती. शमी घर से दूर हैं और एक ऐसा खेल खेल रहे हैं जिसमें अत्यधिक प्यास लग सकती है. इस्लाम में कर्मों को अधिक महत्व दिया गया है, और यह जरूरी नहीं कि खेलते समय रोजा रखा जाए.''

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी किया समर्थन

इसके अलावा, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विद्वान और कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी शमी का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ''कुरान में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति यात्रा पर है या अस्वस्थ है, तो उसके पास रोजा न रखने का विकल्प है. शमी के मामले में वह दौरे पर हैं, इसलिए उनके रोजा न रखने को लेकर किसी को सवाल उठाने का हक नहीं है.''

पहले भी विवादों में रही हैं शमा मोहम्मद

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब शमा मोहम्मद अपनी टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में आई हैं. इससे पहले उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने रोहित को 'भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे अप्रभावी कप्तान' बताते हुए उनकी फिटनेस पर सवाल उठाए थे. उनकी इस टिप्पणी की काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उनसे दूरी बना ली और उनसे पोस्ट हटाने की अपील की थी.

हालांकि, खुद का बचाव करते हुए शमा मोहम्मद ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य किसी को शर्मिंदा करना नहीं था, बल्कि वह खिलाड़ियों की फिटनेस पर सामान्य टिप्पणी कर रही थीं.

शमी के समर्थन में बढ़ती आवाजें

बहरहाल, शमी के समर्थन में कई लोग आगे आए हैं, जो मानते हैं कि खिलाड़ियों को अपने स्वास्थ्य और प्रदर्शन को प्राथमिकता देने का अधिकार है. धार्मिक कर्तव्यों के पालन में व्यक्तिगत स्थिति और परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए. अब यह देखना होगा कि शमी के इस विवाद पर क्रिकेट बोर्ड या अन्य संगठन कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हैं या नहीं.