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रविचंद्रन अश्विन ने संन्यास के बाद तोड़ी चुप्पी, बोले- मैं और भी क्रिकेट खेल सकता था लेकिन...'

Ravichandran Ashwin: भारत के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को हाल ही में अलविदा किया था. ऐसे में अब संन्यास के बाद इस खिलाड़ी ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है और बड़ा बयान दिया है.

Ravichandran Ashwin
Courtesy: X

Ravichandran Ashwin: भारत के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ समाप्त हुई टेस्ट सीरीज के बीच में ही संन्यास की घोषणा कर दी थी. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर अश्विन को लेकर बवाल मचा था लेकिन अब पहली  बार इसको लेकर उन्होंने चुप्पी तोड़ी है. बता दें कि अश्विन ने ब्रिस्बेन में खेले गए मैच के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी.

दिग्गज स्पिनर के संन्यास से हर कोई हैरान था क्योंकि किसी ने भी ऐसा होने की उम्मीद नही की थी. उनके संन्यास के बाद ये आवाज उठाई गई थी कि उन्हें कम से कम एक विदाई मैच खेलने का मौका मिलना चाहिए. भारत के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी का मानना है कि अश्विन का अपमान किया गया है. ऐसे में इन सभी बतों को लेकर उन्होंने खुद ही जवाब दिया है.

रविचंद्रन अश्विन ने दिया बड़ा बयान

अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए अश्विन ने कहा कि "मुझे इस ब्रेक की जरूरत थी. मैंने सीरीज बीच में ही छोड़ दी. मैंने क्रिकेट के बारे में ज्यादा बात नहीं की. हालांकि, मैंने सिडनी और मेलबर्न टेस्ट के बाद एक्स पर कुछ चीजें पोस्ट की थी. मैंने रिटायरमेंट के बारे में बात नहीं की, क्योंकि मैं ड्रेसिंग रूम में था और मेरे लिए ड्रेसिंग रूम की पवित्रता का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण था. आजकल फैन वॉर होने लगता है और ये बहुत ही जहरीला है."

अश्विन ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि "मेरा निजी तौर पर मानना ​​है कि विदाई मैच का कोई खास महत्व नहीं है. मैं बस ईमानदार होना चाहता हूं. जरा सोचिए, अगर मुझे विदाई टेस्ट खेलने का मौका मिले, लेकिन मैं टीम में जगह पाने का हकदार नहीं हूं, तो मैं खुश नहीं रहूंगा. मेरा क्रिकेट में दम था , लेकिन मुझे लगता है कि जब लोग क्यों पूछते हैं और क्यों नहीं पूछते हैं, तो हमेशा रुक जाना बेहतर होता है."

अश्विन का टेस्ट करियर

अश्विन भारत के ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने गेंद के साथ-साथ बल्ले के साथ भी अमह योगदान दिया है. इस खिलाड़ी ने अपने करियर में कुल 106 टेस्ट मैच खेले और 537 विकेट अपने नाम किए. इसके अलावा उन्होंने बल्ले के साथ लगभग 26 की औसत के साथ 3503 रन बनाए हैं और 6 शतक भी लगाए हैं.