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केएल राहुल के बैटिंग आर्डर पर उठे सवाल, अक्षर पटेल के प्रमोशन पर पूर्व कोच ने कह दी बड़ी बात

भारत और इंग्लैंड के बीच कटक में दूसरे एकदिवसीय मुकाबले के अंत में प्रसारणकर्ता के कैमरे ने कुछ समय के लिए डग-आउट में बैठे ऋषभ पंत को दिखाया, जबकि इस दौरान मैदान पर लोकेश राहुल छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे.

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Edited By: Garima Singh
 Akshar Patel
Courtesy: X

भारत और इंग्लैंड के बीच कटक में दूसरे एकदिवसीय मुकाबले के अंत में प्रसारणकर्ता के कैमरे ने कुछ समय के लिए डग-आउट में बैठे ऋषभ पंत को दिखाया, जबकि इस दौरान मैदान पर लोकेश राहुल छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे. राहुल को इस मैच में पंत पर तरजीह मिली थी, इसलिए उनका बल्लेबाजी क्रम में इतना नीचे आना हैरानी भरा था.

कमेंट्री पर रहे रवि शास्त्री गेंदबाजी ऑलराउंडर अक्षर पटेल की जगह राहुल जैसे शीर्ष क्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज को छठे नंबर पर उतारने को लेकर अपनी भावनाओं को जाहिर करने से खुद को नहीं रोक पाए. शुरुआती दो मैच में अक्षर को पांचवें नंबर पर उतारा गया. भारतीय क्रिकेट में कई लोगों ने शास्त्री की भावनाओं को साझा किया और यह भी आश्चर्य व्यक्त किया कि अगर प्रबंधन राहुल से ऊपर अक्षर को भेजने के लिए बाएं और दाएं हाथ के बल्लेबाजी संयोजन के फॉर्मूले पर अड़ा रहता है, तो पंत जैसे विस्फोटक खिलाड़ी का क्या होगा.

गंभीर की रणनीति सही साबित

अगर नतीजों पर गौर करें तो मुख्य कोच गौतम गंभीर सही साबित होते हैं, क्योंकि अक्षर ने शुरुआती दो मैच में 52 और नाबाद 41 रन बनाए, लेकिन वह ऐसे समय पर बल्लेबाजी करने उतरे जब भारत जीत की ओर बढ़ रहा था.

पंत के प्रभाव पर सवाल

शास्त्री ने प्रसारणकर्ता ‘स्टार स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘भारत अगले मैच और चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के संयोजन के बारे में सोच रहा होगा. ऋषभ पंत बेंच पर बैठे हैं. कुछ सवालों के जवाब देने होंगे.’’ पंत ने 31 एकदिवसीय मुकाबलों में 33 से कुछ अधिक की औसत से 871 रन बनाए हैं, जो काफी अच्छे आंकड़े नहीं हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में क्रिकेट के मापदंड बदल गए हैं. किसी खिलाड़ी का खेल के किसी चरण में किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है, यह भी देखना होगा.

राहुल और पंत की तुलना

अगर राहुल को ऐसे खिलाड़ी के तौर पर देखा जा रहा है जो एकदिवसीय में 30वें या 35वें ओवर के बाद बल्लेबाजी के लिए आएगा, तो इस बात की पूरी संभावना है कि पंत उनसे ज्यादा प्रभाव डाल सकते हैं. राहुल ने नंबर छह पर चार पारियां खेली हैं, जिसमें उन्होंने 46 गेंद पर 42 रन बनाए हैं. उनका उच्चतम स्कोर 31 है। पंत ने दो मैच में 45 रन बनाए हैं. उन्होंने इन दो मैच में 46 गेंद का सामना किया, जिसमें 28 रन उनका उच्चतम स्कोर रहा।

राहुल की बल्लेबाजी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं

साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि क्या राहुल की बल्लेबाजी क्षमताओं का नंबर छह पर पूरा उपयोग हो रहा है. भारतीय गेंदबाजों ने दोनों वनडे में इंग्लैंड को कोई मौका नहीं दिया है, लेकिन 2023 एकदिवसीय विश्व कप में पांचवें नंबर पर 500 से अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज राहुल ऐसी स्थिति में बल्लेबाजी के लिए आ रहे हैं जो शायद उनकी खेल शैली के अनुकूल नहीं है.

टीम की जरूरत के हिसाब से खिलाड़ी का चयन

गंभीर की रणनीतियों को करीब से देख चुके एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘गौतम हमेशा टीम की जरूरतों को देखते हैं और उन्हें राहुल नंबर छह पर उपयुक्त लगता है, क्योंकि इससे उन्हें बाएं-दाएं हाथ के बल्लेबाजों के संयोजन को बरकरार रखने में मदद मिलती है. अक्षर ने पांचवें नंबर पर रन बनाए हैं और इससे पंत मुश्किल स्थिति में आ गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे इस बल्लेबाजी संयोजन पर विचार कर रहे हैं तो उन्हें (पंत को) शामिल करना मुश्किल होगा.’’

राहुल के बल्लेबाजी क्रम पर हैरानी

कई लोगों को यह बात हैरान कर रही है कि एकदिवसीय में पांचवें क्रम और सलामी बल्लेबाज के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाले राहुल गेंदबाजी ऑलराउंडर से नीचे कैसे बल्लेबाजी कर सकते हैं. एक पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता ने कहा, ‘‘राहुल ने भारत के लिए पांचवें नंबर पर शानदार प्रदर्शन किया है. उन्होंने लगभग 1300 रन (1259) बनाए हैं और 60 के करीब औसत के साथ 100 (95.45) के करीब स्ट्राइक-रेट से. ये असाधारण संख्याएं हैं और आप चीजों को नए सिरे से क्यों करना चाहते हैं.’’

अक्षर को ऊपर भेजने का तर्क

हालांकि इसके लिए तर्क यह हो सकता है कि अक्षर को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजने से वांछित परिणाम मिले हैं. यह अलग बात है कि अभी कोई नहीं जानता कि अगर भारत 20 रन पर तीन विकेट गंवा देता है तो उस दिन अक्षर ऐसी स्थिति में भेजे जाने के लिए उचित बल्लेबाज हैं. तो राहुल को केवल चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में ही बल्लेबाजी क्रम में ऊपर क्यों भेजा जाए और उन्हें अक्षर की तरह कुछ आसान रन बनाने का मौका क्यों नहीं दिया गया?