Ramanand Sagar: घर-घर में रामायण की अलख जगाने वाले कभी करते थे ये काम, जानें रामानंद सागर का कैसा था अतीत

Ramanand Sagar: रामायण सीरियल की कल्पना करके उसको मूर्त रूप देकर जनता के सामने लाने वाले रामानंद सागर थे. उनका जन्म तब के भारत और आज के पाकिस्तान के लाहौर में 29 दिसंबर 1917 को हुआ था.

Ramanand Sagar Birth Anniversary: 80 के दशक में जब लोगों के घरों में आज की तरह टीवी नहीं हुआ करती थी. उस समय कोई इंटरनेट की भी सुविधा नहीं थी. फिर भी घर-घर 'रामायण' सीरीयल का ऐसा खुमार लोगों पर चढ़ा था कि उसको देखने के लिए लोग अपना महत्वूर्ण से महत्वपूर्ण काम छोड़ देते थे. उसी रामायण सीरियल की कल्पना करके उसको मूर्त रूप देकर जनता के सामने लाने वाले रामानंद सागर थे. उनका जन्म तब के भारत और आज के पाकिस्तान के लाहौर में 29 दिसंबर 1917 को हुआ था.

रामानंद सागर का असली नाम था चंद्रमौली चोपड़ा

रामानंद सागर विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. वो फिल्म डायरेक्टर के साथ ही उम्दा लेखक, स्क्रिप्ट राइटर, डायलॉग राइटर और प्रोड्यूसर भी थे. उनका रामानंद सागर असली नाम नहीं बल्कि उनकी नानी द्वारा दिया नाम था. उनका असली नाम चंद्रमौली चोपड़ा था. 

बतौर राइटर की थी फिल्मी करियर की शुरुआत

रामानंद सागर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत मुंबई में बतौर राइटर शुरू की. वो सन 1950 में कामयाबी के इस पायदान पर पहुंच गए कि उन्होंने सागर आर्ट कॉरपोरेशन प्रोडक्शन कंपनी शुरू कर दी. हालांकि उनको मुंबई में काफी संघर्ष भी करना पड़ा. रामायण से पहले रामानंद सागर पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में बतौर असिस्टेंट स्टेज मैनेजर काम करते थे. इसके साथ ही वो थिएटर के लिए पृथ्वीराज के गाइडेंस में  कुछ नाटकों का निर्देशन भी किया. 

कई हिट फिल्मों में किया काम

रामानंद सागर ने कई हिट फिल्मों की कहानी भी लिखी. इसमें राजकपूर की हिट फिल्म 'बरसात' की कहानी लिखी. इसके साथ ही धर्मेंद्र और माला सिन्हा की 'आंखें' भी सागर ने ही डायरेक्ट की थी. जिसके लिए उनको अवॉर्ड भी मिला था. उन्होंने इसके साथ ही कई फिल्में में अभिनय भी किया.

रामायण से पहले व्रिकम और बैताल से हुए थे पॉपुलर

रामायण से पहले वो टेलीविजन पर विक्रम और बैताल नाम का सीरियल लेकर आए जिसको लोगों द्वारा खूब पंसद किया गया. जिसके बाद साल 1987-88 में सागर ने रामायण सीरियल टेलीविजन पर लेकर आए. इसके बाद तो मानों उन्होंने टीवी की दुनिया में भी एक क्रांति कर दी. उस दौर में बहुत से लोग तो इसी वजह से भी टेलीविजन खरीदते थी ताकि वो रामायण को आराम से देख सकें.

रामायण के समय सड़कों पर कर्फ्यू जैसा रहता था माहौल

उनकी बनाई रामायण सीरियल की दिवानगी कोरोना काल में भी देखी गई जब सरकार ने उसे फिर से टेलीकास्ट किया तो एक बार फिर से रामायण ने कई रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए नया कीर्तिमान बनाया. लोग आज भी उस सीरियल में भगवान राम का रोल निभाने वाले अरुण गोविल को भगवान राम और माता सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया को खूब याद करते हैं और उसी प्रकार स्नेह भी करते हैं. बताया जाता है कि जब रामायण को टेलीकास्ट किया जाता था तो मानों सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल होता था. रामायण को सबसे ज्यादा देखे जाने वाले सीरियल होने की वजह से उसको लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया.

शुरुआती दिनों में ट्रक क्लीनर का काम किए थे रामानंद

रामानंद सागर का परिवार बटवारें के बाद पाकिस्तान से भारत आ गया. उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. परिवार का सहयोग करने के लिए रामानंद सागर ने काम करना शुरू किया. उनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्होनें ट्रक क्लीनर और चपरासी की नौकरी भी की. हालांकि कुछ समय बाद ही रामानंद का इस काम में मन नहीं लगा और अपने पसंदीदा काम सिनेमा के लिए मुंबई चले गए.