प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चेस के नए विश्व चैंपियन डी गुकेश से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने गुकेश के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हुए उन्हें बधाई दी और उनकी सफलता की सराहना की. इस दौरान गुकेश ने प्रधानमंत्री को एक खास तोहफा भी दिया. गुकेश ने अपने साइन कर वही चेसबोर्ड प्रधानमंत्री को दिया जिस पर उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रचा था.
पीएम मोदी ने की गुकेश की सराहना
Had an excellent interaction with chess champion and India’s pride, @DGukesh!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2024
I have been closely interacting with him for a few years now, and what strikes me most about him is his determination and dedication. His confidence is truly inspiring. In fact, I recall seeing a video… pic.twitter.com/gkLfUXqHQp
गुकेश ने प्रधानमंत्री को दिया चेसबोर्ड
प्रधानमंत्री मोदी ने खुशी जताते हुए बताया कि गुकेश ने उन्हें अपनी जीत के दौरान इस्तेमाल किए गए चेसबोर्ड का असली टुकड़ा भेंट किया. "मुझे गुकेश से उस चेसबोर्ड को प्राप्त करने का सौभाग्य मिला, जिस पर उन्होंने अपनी ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. यह चेसबोर्ड, जिस पर गुकेश और डिंग लिरेन दोनों ने साइन किए हैं, अब एक अमूल्य यादगार बन गया है," मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा.
योग और ध्यान पर की चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने गुकेश की शांत स्वभाव की भी तारीफ की. उन्होंने बताया कि गुकेश जीतने के बाद भी बेहद संयमित थे और अपनी सफलता को समझते हुए उसे गर्व के साथ स्वीकार किया. उन्होंने कहा, "हमारी बातचीत में योग और ध्यान की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में भी चर्चा हुई."
गुकेश के माता-पिता की भी की प्रशंसा
प्रधानमंत्री मोदी ने गुकेश के माता-पिता की भी सराहना की, जिनका इस यात्रा में अहम योगदान था. उन्होंने कहा, "हर एथलीट की सफलता में उनके माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. मैंने गुकेश के माता-पिता की सराहना की, जो हमेशा उनकी मदद और समर्थन करते रहे. उनका समर्पण अन्य युवा aspirants के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा."
गुकेश की ऐतिहासिक जीत
गुकेश ने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया. उन्होंने चीन के डिंग लिरेन को 14 खेलों की श्रृंखला में 7.5-6.5 से हराया. इस मैच में, जहां शुरुआत में खेल बराबरी पर था, डिंग ने 55वें चाल पर एक बड़ी गलती की, जिसके बाद उन्होंने हार मान ली. गुकेश की इस जीत से चेस की दुनिया में उनकी नामचीन पहचान बन गई और उन्होंने सबसे युवा विश्व चैंपियन बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. यह मुलाकात गुकेश के चेस के प्रति समर्पण और उनके परिवार के समर्थन की कहानी को उजागर करती है, जो भारतीय खेलों की दुनिया में नई उम्मीदें और प्रेरणा लेकर आई है.