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Paris Olympic 2024: जापान, जर्मनी, अमेरिका और टर्की में क्या कर रहे भारतीय खिलाड़ी, जानें मेडल का प्लान?

Paris Olympic 2024: साल 2016 में रियो ओलंपिक से दो सप्ताह पहले, जब दुती चंद सार्वजनिक रूप से रोने लगीं, तब देश का स्पोर्ट्स ब्यूरोक्रेट्स हरकत में आया और उन्हें दौड़ने के लिए जूते खरीदने के लिए पैसे भेजे गए. 2012 ओलंपिक के लिए ब्रॉन्ज मेडल विजेता मैरी कॉम को विदेशी कोच की नियुक्ति करने और खेलों से पहले विदेश में ट्रेनिंग लेने के लिए काफी हद तक अपने प्राइवेट स्पॉन्सर्स पर डिपेंड रहना पड़ा था. 

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Edited By: India Daily Live
Mission Olympic Cell
Courtesy: PV Sindhu Instagram Post

Paris Olympic 2024: तीन सप्ताह से भी कम समय में जब भारत के एथलीट ओलंपिक खेलों के लिए पेरिस पहुंचेंगे, तो वे सीधे भारत से नहीं, बल्कि जापान से लेकर जर्मनी, अमेरिका से लेकर टर्की तक से यात्रा कर यहां आएंगे. इंडियन एथलिट्स के लिए ये किसी खास मिशन की तरह है, जिसे पहले न तो आजमाया गया और न ही कभी देखा गया. ये पहली बार है कि इंडियन एथलिस्ट्स पेरिस ओलंपिक के लिए इंडिया में प्रैक्टिस न कर विदेश में जमे हुए हैं और 'मिशन मेडल' की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं. 

सूचना के अधिकार के तहत इंडियन एक्सप्रेस को प्राप्त दस्तावेजों से ये जानकारी सामने आई है. भारत के मिशन ओलंपिक सेल (MOC) की ओर से पिछले तीन सालों में लगभग हर गुरुवार दोपहर को हुई मीटिंग्स की डिटेल के मुताबिक, 12 स्पेशलिस्ट्स की एक टीम जर्मनी के सारब्रुकेन में बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु को उनके तीसरे ओलंपिक मेडल जीतने की कोशिशों में मदद कर रही है.

पीवी सिंधु के अलावा टेनिस स्टार मनिका बत्रा के लिए ओलंपिक में इस्तेमाल होने वाली उसी ब्रांड की एक टेबल चीन से मंगवाई गई है, जिससे मनिका को गति, स्पिन और उछाल की आदत हो सके. वहीं, घुड़सवारी के लिए अनुश अग्रवाल के घोड़े के लिए स्पेशल चारा, काठी पैड, जूते समेत अन्य चीजें मुहैया कराई गईं हैं. वेटलिफ्टिंग के लिए मीराबाई चानू को आईपैड और हाई-स्पीड कैमरा मुहैया कराया गया है. 

MOC में कौन-कौन होते हैं शामिल?

मिशन ओलंपिक सेल यानी MOC में भूतपूर्व एथलीट, भारतीय और विदेशी कोच, हाई परफॉर्मर डायरेक्टर के साथ-साथ अलग-अलग खेलों के फेडरेशन और सरकार के अधिकारी शामिल होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका औऱ चीन में ये सब आम बात है, लेकिन भारत की ये तैयारी ये दिखाता है कि हम भी उन तक कम से कम तैयारी में बराबरी तक पहुंच गए हैं.

अधिकारियों का कहना है कि कुल मिलाकर, 2021 में टोक्यो में आयोजित ओलंपिक से पेरिस ओलंपिक तक तीन साल के समय के दौरान 'टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम' यानी TOPS के तहत 72 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो 2016 में आयोजित रियो ओलंपिक की तुलना में दोगुना है. RTI दस्तावेजों के अनुसार, MOC ने मई 2023 और मई 2024 के बीच TOPS के तहत लगभग 100 पेरिस कैंडिडेट्स के 403 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जबकि 50 को खारिज कर दिया,

स्वीकृत प्रस्तावों में विभिन्न प्रकार के उपकरण, सुविधाएं और ट्रेनिंग प्लान शामिल हैं. उपकरण और सुविधाओं में जूते से लेकर धूप के चश्मे, बेहतरीन औऱ अत्याधुनिक स्पोर्ट्स वॉच से लेकर हाई स्पीड वाले कैमरे, कपड़े, खाना और फूड सप्लिमेंट्स शामिल होते हैं.

पांच खेलों के महासंघों ने इतने मेडल की जीत की जताई है उम्मीद

पांच खेलों के महासंघों की ओर से पेरिस ओलंपिक में उनकी ओर से मेडल जीतने की संभावनाएं जताई गईं हैं. अगर उनकी उम्मीदों के मुताबिक एथलिट्स प्रदर्शन करते हैं, तो भारत पहली बार मेडल की संख्या में दोहरे अंक को पार कर सकता है. पिछले टोक्यो ओलंपिक में, भारत ने 7 मेडल जीते थे, जिसमें ज्वेलिंग थ्रो में नीरज चोपड़ा का पहला गोल्ड मेडल भी शामिल था. टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अब तक का बेस्ट प्रदर्शन किया था. 

इस बार, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने अनुमान लगाया है कि मुक्केबाजी ने तीन, बैडमिंटन ने दो से तीन मेडल जीतेंगे. वहीं, आर्चरी और वेटलिफ्टिंग में 1-1 मेडल की संभावना जताई गई है. टोक्यो में नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल के अलावा, मुक्केबाजी, बैडमिंटन और वेटलिफ्टिंग में भारत ने एक-एक मेडल जीता था, जबकि आर्चरी में कोई मेडल नहीं मिला था. पेरिस के लिए हॉकी, रेसलिंग और शूटिंग जैसे अन्य प्रमुख खेलों से भी भारत को पदक की उम्मीद है. 

पेरिस ओलंपिक के लिए आखिर कैसी चल रही है तैयारी?

 पेरिस ओलंपिक के लिए भारत की तैयारी कैसी है, इसके लिए पीवी सिंधु का उदाहरण ले सकते हैं. दो बार की ओलंपिक मेडल विनर 15 जून से सारब्रुकेन में डेरा डाले हुए हैं. उनके साथ प्रकाश पादुकोण, एक मुख्य कोच, दो सहायक कोच, दो फिजियो, एक पावर और कंडीशनिंग स्पेशलिस्ट और पांच स्पैरिंग पार्टनर हैं.

सिंधु 20 जुलाई तक वहां रहेंगी, उसके बाद वह पेरिस के लिए रवाना होंगी. ये सुनिश्चित करने के लिए कि वे तरोताजा रहें, उनके कमरे में एक बड़ा टीवी लगाया गया है और आराम करने, मीटिंग आयोजित करने और स्टोरेज स्पेस के रूप में उपयोग करने के लिए एक लाउंज सुविधा बनाई गई है.

सिंधु के खर्च को तीन हिस्सों में बांटा, एक पीवी सिंधु का भी

पीवी सिंधु की तैयारियों पर जो खर्च हो रहा है, उसे तीन हिस्सों में बांटा गया है. सरकार और सिंधु के समर्थक ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट ने लागत का बड़ा हिस्सा वहन किया है, जबकि सिंधु ने खुद भी आंशिक योगदान दिया है. सिंधु के पास ट्रेनिंग के बाद रिकवरी में सहायता के लिए एक इन्फ्रारेड सॉना केबिन भी है. रिकवरी टूल्स पर इतना खर्च करने वाली वे अकेली नहीं हैं.

साथी शटलर एचएस प्रणय को भी कड़ी मेहनत के बाद अपने शरीर को ठीक करने के लिए हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी और रेड लाइट थेरेपी करवाने के लिए धन मुहैया कराया गया है. टेबल टेनिस के शरत कमल को भी कई तरह के टेस्टिंग से गुजरने के लिए धन आवंटित किया गया है. इनके अलावा, दो बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज़ निखत ज़रीन को लेज़र यूनिट मिली है.