पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हसन अली ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की आलोचना करते हुए बोर्ड पर खिलाड़ियों के इलाज में पक्षपात करने का आरोप लगाया है. हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने सवाल उठाया कि चोटिल सलामी बल्लेबाज सैम अयूब को इलाज के लिए इंग्लैंड क्यों भेजा गया जबकि अन्य चोटिल खिलाड़ियों को यही सुविधा नहीं मिलती.
हसन जो अक्सर टीम प्रबंधन के मुद्दों पर मुखर रहे हैं, ने कुछ खिलाड़ियों को दिए जाने वाले "वीवीआईपी ट्रीटमेंट" पर निराशा व्यक्त की. अली ने यूट्यूब पॉडकास्ट 'अल्ट्रा एज' पर कहा, सैम अयूब चोटिल हैं. वह आपकी टीम के खिलाड़ी हैं. क्या मैं 2020 में टीम का सदस्य नहीं था? 30 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, आप सैम अयूब को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दे रहे हैं. अगर भविष्य में कोई घायल हो जाता है, तो क्या आप उसे भी यही ट्रीटमेंट देंगे? नहीं, आप ऐसा नहीं करेंगे. तो, आपने यहां क्या किया है?"
हसन अली ने सैम अयूब के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की, लेकिन अनुमान लगाया कि यदि युवा बल्लेबाज भविष्य में फिर से चोटिल हो जाता है, तो बोर्ड का तरजीही दृष्टिकोण समय के साथ बदल सकता है और उसे समान स्तर का विशेष उपचार नहीं मिल सकता है.
चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी
अली ने कहा, भगवान उन्हें स्वास्थ्य और फिटनेस प्रदान करें और वह पाकिस्तान के लिए कई मैच जीतें. लेकिन हर उन्नति के साथ एक गिरावट भी आती है. अगर सैम अयूब फिर से चोटिल हो गए, तो क्या उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा? नहीं, ऐसा नहीं किया जाएगा. पाकिस्तान 1996 के बाद पहली बार किसी ICC टूर्नामेंट की मेज़बानी करने जा रहा है, ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत 19 फरवरी से होगी. इस टूर्नामेंट में आठ टीमें हिस्सा लेंगी.