IPL 2025 Salman Khan

'DSP सिराज भाई पर मुझे विश्वास...', नीतीश रेड्डी ने अपनी पहली इंटरनेशल सेंचुरी का क्रेडिट क्यों इस खिलाड़ी को दिया?

Nitish Kumar Reddy: मेलबर्न में अपना पहला इंटरनेशनल शतक लगाने वाले नीतीश कुमार रेड्डी चर्चाओं का विषय बने हुए हैं. उनके पहले टेस्ट शतक को वो हमेशा याद रखने वाले हैं.

@NKReddy07

Nitish Kumar Reddy: भारत के युवा बल्लेबाज नीतीश कुमार रेड्डी ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी लगाई, जो न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि पूरी भारतीय टीम के लिए गर्व का क्षण बन गया. उनके इस शतक में एक खिलाड़ी का महत्वपूर्ण हाथ है. इस खिलाड़ी को लोग डीएसपी के नाम से भी जानने लगे हैंं. ये कोई और नहीं बल्कि इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज हैं. जब नीतीश 99 पर थे तो मोहम्मद सिराज क्रीज पर थे. सभी की धड़कने इस बात के लिए धड़क रहीं थी कि कहीं सिराज आउट न हो जाएं ओर नीतीश शतक बनाने से चूंक जाएं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सिराज ने अपने फ्रंटफुट डिफेंड का मजबूत प्रदर्शन करते हुए कमिंस की गेंदों पर अच्छे से खेला. 

जब नीतीश रेड्डी 99 रन पर थे और आखिरी ओवर में उनका साथ देने के लिए सिराज क्रीज पर आए, तो हर कोई उम्मीद कर रहा था कि सिराज तीन गेंदों का सामना कर पाएंगे. इस स्थिति में सिराज ने न केवल दबाव को बखूबी झेला, बल्कि बिना घबराए क्रीज पर खड़े रहे और नीतीश को अपनी सेंचुरी पूरी करने का मौका दिया. इसके बाद, नीतीश ने सोशल मीडिया पर सिराज की सराहना करते हुए लिखा, "मैं भी सिराज भाई पर विश्वास करता हूं."

'मुझे सिराज भाई पर विश्वास है'

रेड्डी ने सोशल मीडिया पर सिराज पर अपना भरोसा जताते हुए कहा, "मुझे भी सिराज भाई पर भरोसा है." युवा बल्लेबाज ने अपने पिता के प्रति भी अपनी प्रशंसा दिखाई, उन्होंने भावुक कैप्शन के साथ एक नम आंखों वाली तस्वीर साझा की, "यह आपके लिए है."

Nitish Kumar Reddy Insta Story @nitish-kumar-reddy

नीतीश का 105 रन पर नाबाद रहना भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि इस पारी ने भारत को 358/9 तक पहुंचाया. हालांकि भारत ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से अभी भी 116 रन पीछे था, लेकिन इस पारी ने टीम के आत्मविश्वास को काफी बढ़ाया. खासकर, उनका और वाशिंगटन सुंदर (50 रन, 162 गेंदों पर) का 127 रन की साझेदारी ने मैच का रुख भारत की ओर मोड़ने में मदद की.

नीतीश रेड्डी की सेंचुरी ने भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया बदलाव लाया. यह पारी न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देने वाली थी, बल्कि टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मजबूत स्थिति में खड़ा करने वाली भी साबित हुई. यह एक अविस्मरणीय क्षण था, जिसे भारतीय क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूलेंगे.