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IND vs BAN: 'वॉशआउट' विवाद के बाद कानपुर में कोई और अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं? BCCI की आलोचना

कानपुर टेस्ट मैच ने बीसीसीआई की थू-थू करा दी है. भारत-बांग्लादेश के बीच टेस्ट का तीसरा दिन भी बिना एक भी गेंद डाले रद्द हो गया. फैंस काफी निराश हैं.

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Edited By: India Daily Live
Kanpur test
Courtesy: Social Media

कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम चर्चा में है. सुबह बारिश नहीं होने और दिन में तेज धूप होने के बावजूद भारत और बांग्लादेश के बीच ग्रीन पार्क स्टेडियम में दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल एक भी गेंद फेंके बिना रद्द कर दिया गया. कारण बताया गया 'गीला आउटफील्ड'. निराशा तब बढ़ गई जब दोनों टीमें अपने होटल में रहीं, जबकि मैच अधिकारियों ने बिना कवर के तीन बार मैदान का निरीक्षण किया. लेकिन कोई खेल नहीं हुआ.

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने कहा कि कानपुर में सब कुछ नियंत्रण में है, लेकिन उन्होंने मैच अधिकारियों की आपत्तियों को लेकर भ्रम की बात स्वीकार की. उन्होंने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने हमें निरीक्षण के लिए तीन अलग-अलग समय दिए लेकिन हमें कभी नहीं बताया कि समस्या क्या है. कौन सा क्षेत्र गीला था या जो भी समस्या है. मैंने उनसे कहा कि आप मैच शुरू कर सकते हैं लेकिन अगर आपको कोई चिंता है तो मुझे बताएं.

सुबह और लंच सत्र पहले ही समाप्त हो चुके थे, इसलिए मैच रेफरी जेफ क्रो ने कई बार निरीक्षण किया, लेकिन मैदान पर गीले धब्बे, विशेषकर पवेलियन सी के पास डीप मिड-विकेट क्षेत्र, से वे असंतुष्ट थे. नमी वाला 30-यार्ड सर्किल भी चिंता का विषय बना रहा जिसके कारण पिच निरीक्षण का समय दोपहर 2 बजे तक बढ़ा दिया गया. दोपहर दो बजे होने वाले तीसरे निरीक्षण से पहले मैदान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि मैच अधिकारी चाहते थे कि मैदान प्राकृतिक रोशनी के साथ सूख जाए, लेकिन उन्हें कभी भी गीले क्षेत्र के बारे में नहीं बताया गया.

निराश दिखे दर्शक

राज्य के विभिन्न भागों से आए दर्शकों ने ग्रीन पार्क की मैदान सुविधाओं के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की. उनका कहना था कि यूपीसीए देश के सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक की अच्छी देखभाल करे, जो 1952 से टेस्ट क्रिकेट की मेजबानी कर रहा है. एक प्रशंसक ने कहा कि मुझे बहुत बुरा लग रहा है ग्रीन पार्क सबसे पुराने स्टेडियमों में से एक है और हमें तीन साल बाद टेस्ट मैच देखने का मौका मिला. खेल को पूरे पांच दिन जारी रहना चाहिए था, इसके लिए यूपीसीए और मैच आयोजकों को दोषी ठहराया जाना चाहिए. वे इसका उचित ख्याल नहीं रख रहे हैं. 

कानपुर के एक अन्य प्रशंसक ने कहा कि ये ग्रीन पार्क को कुछ नी मिलना चाहिए, यहां सब गड़बड़ चल रहा है. महौल ऐसा बनाते हैं जैसे कितनी सुविधाएं हैं लेकिन वे उस दिन मैच भी आयोजित नहीं कर सकते जब ठीक से धूप हो. 

35 ओवर का खेल

अब तक दोनों टीमों ने पूरे मैच में केवल 35 ओवर ही खेले हैं, जिसमें बांग्लादेश का स्कोर 3 विकेट पर 107 रन है. इस देरी से स्टेडियम की जल निकासी व्यवस्था की फिर से आलोचना शुरू हो गई है, तथा अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए इसकी तैयारी पर सवाल उठ रहे हैं. जब पहले दिन बारिश ने खेल में बाधा डाली, तो ग्राउंड स्टाफ ने मैदान को सुखाने के लिए चूरा डाला और मैदान को ढक दिया, लेकिन प्रयास व्यर्थ रहे. 75 ग्राउंड्समैन के अथक परिश्रम के बाद भी गीले पैच बने रहे. 

ग्रेटर नोएडा स्टेडियम में भी हुआ था ऐसा

यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के मुद्दे सामने आए हैं. ग्रेटर नोएडा में अफ़गानिस्तान और न्यूज़ीलैंड के बीच हाल ही में खेले गए टेस्ट की यादें ताज़ा हो गईं जब आउटफील्ड की खराब स्थिति के कारण इस महीने की शुरुआत में एक भी गेंद फेंके बिना मैच रद्द करना पड़ा था. बीसीसीआई सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ग्रीन पार्क स्टेडियम भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से वंचित रह सकता है इसकी जगह लखनऊ के इकाना स्टेडियम को ज्यादा मैच दिए जाएंगे.