Mohammed Shami: मोहम्मद शमी, भारतीय क्रिकेट के प्रमुख तेज गेंदबाज, जिन्होंने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ अपनी जबरदस्त गेंदबाजी से सबको हैरान कर दिया, अपनी चोटों और वापसी की कठिन यात्रा पर खुलकर बात की. शमी की वापसी एक ऐसी कहानी है, जो संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास से भरी हुई है.
नवंबर 2023 से फरवरी 2025 तक का समय शमी के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था. यह 15 महीनों का अंतर था, जिसमें उन्होंने अपने करियर का सबसे मुश्किल वक्त बिताया. शमी ने खुद इस बारे में कहा, "पहले दो महीने तो मुझे खुद पर यकीन नहीं था कि मैं फिर से खेल पाऊंगा. एक गंभीर चोट और 14 महीने का ब्रेक किसी भी खिलाड़ी को तोड़ सकता है." इस दौरान, शमी की मानसिक स्थिति भी कमजोर हो गई थी और उन्हें यह समझने में समय लगा कि वह पहले जैसी गेंदबाजी कर पाएंगे या नहीं.
इस दौरान शमी ने अपनी फिटनेस को सुधारने के लिए बहुत कठिन मेहनत की. हर दिन 8 घंटे की प्रैक्टिस, घरेलू मैचों में हिस्सा लेना और बेंच पर बैठने की जगह अपने शरीर को समझना — इन सब ने उनकी वापसी को संभव बनाया. "जब आप चोटिल होते हैं और आपकी पहले की फॉर्म चली जाती है, तो उसे वापस पाने के लिए आपको वही सब कुछ दोबारा करना पड़ता है जो आपने पहले किया था. और यह आसान नहीं है," शमी ने बताया.
शमी ने बताया कि उन्होंने अपनी फिटनेस और गेंदबाजी को ठीक करने के लिए न केवल राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में काम किया, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मैचों का भी हिस्सा बने. इस दौरान उन्हें अपने शरीर को जानने का मौका मिला और कैसे सर्जरी के बाद उसकी प्रतिक्रिया थी, यह भी समझा.
हालांकि शमी को अपनी चोट के बाद पूरी तरह से फिट होने में समय लगा, लेकिन जब वह बांग्लादेश के खिलाफ मैदान पर लौटे, तो उन्होंने दिखा दिया कि वह अपनी पुरानी गेंदबाजी क्षमता में लौट चुके हैं. बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मुकाबले में उन्होंने पहले और पुराने गेंद से शानदार प्रदर्शन किया. शमी ने 5 विकेट लेकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.