'चल जाए तो चांद तक नहीं तो शाम तक...,' पूर्व खिलाड़ी ने बताया चैंपियंस ट्रॉफी जीतने लायक नहीं है पाकिस्तान की टीम
Kamran Akmal: चैंपियंस ट्रॉफी से पहले पाकिस्तान टीम की तैयारियों और प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज कामरान अकमल ने टीम की क्षमता पर संदेह जताया है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान टीम का हाल ऐसा है कि चल जाए तो चांद तक, नहीं तो शाम तक. मुझे नहीं लगता कि यह टीम चैंपियंस ट्रॉफी जीतने लायक है.
Kamran Akmal: पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने हाल ही में समाप्त हुई ट्राई सीरीज में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 350 से अधिक रनों का विशाल लक्ष्य चेज किया था. ऐसे में इसके बाद पाकिस्तानी फैंस में अपनी टीम के लिए गजब का उत्साह देखने को मिला था. हालांकि, फाइनल मुकाबले में उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल का कहना है कि पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लायक नहीं हैं.
बता दें कि करीब 30 साल बाद पाकिस्तान को आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका मिला है. इससे पहले पाकिस्तान ने 1996 में वर्ल्ड कप की सह-मेजबानी की थी. इतने लंबे अंतराल के बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन को लेकर पूरे देश में उत्साह देखा जा रहा है. 19 फरवरी से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट को पाकिस्तान अपनी क्रिकेट की नई शुरुआत के रूप में देख रहा है.
पाकिस्तान की टीम को लेकर पूर्व खिलाड़ी की दो टूक
हालांकि, इस बड़े आयोजन से पहले पाकिस्तान टीम की तैयारियों और प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज कामरान अकमल ने टीम की क्षमता पर संदेह जताया है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान टीम का हाल ऐसा है कि चल जाए तो चांद तक, नहीं तो शाम तक. मुझे नहीं लगता कि यह टीम चैंपियंस ट्रॉफी जीतने लायक है. टीम में निरंतरता और मजबूती की कमी है."
स्टेडियम तैयार लेकिन प्रदर्शन पर संशय
अकमल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में टूर्नामेंट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. लाहौर और कराची के स्टेडियमों में जरूरी मरम्मत और सुधार कार्य हो चुके हैं. हाल ही में पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच त्रिकोणीय सीरीज का आयोजन भी सफल रहा. लेकिन उस दौरान कराची में दर्शकों की कम उपस्थिति ने चिंताएं बढ़ा दी थीं.
अकमल ने कहा, "लाहौर में पहला मैच हाउसफुल था, लेकिन कराची में भीड़ नहीं दिखी. इसके पीछे कई वजहें थीं. सप्ताह के कामकाजी दिन थे, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तानी टीम के मैचों में स्टेडियम खचाखच भरे होंगे."
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