BGT में खराब प्रदर्शन के बाद आलोचनाओं के बीच रोहित-विराट को मिला इस दिग्गज का साथ, बोले- ऑस्ट्रेलिया में...'

Jonty Rhodes: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन पर बात की. रोड्स का मानना है कि एक या दो खिलाड़ियों पर दोष मढ़ना हमेशा मुश्किल होता है.

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Jonty Rhodes: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन पर बात की. उनका कहना था कि भारत से और भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन लगातार ऑस्ट्रेलिया में ऐसा कर पाना किसी भी टीम के लिए मुश्किुल होता है.

रोड्स नई दिल्ली के भारत मंडपम में विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 के अवसर पर एएनआई से बात कर रहे थे. टीम इंडिया ने हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया से 3-1 से निराशाजनक हार झेली और लॉर्ड्स में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए क्वालीफाई करने का अवसर खो दिया. इसके बाद अब रोड्स का बयान सामने आया है.

विराट- रोहित को जिम्मेदार ठहराना उचित नही: जोंटी रोड्स

रोड्स ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि "एक या दो खिलाड़ियों पर दोष मढ़ना हमेशा मुश्किल होता है. हम जानते हैं कि क्रिकेट एक टीम खेल है, लेकिन हां, आपको हर किसी के योगदान की जरूरत होती है. इसलिए यह समझने का मामला है कि टीम के लिए क्या अच्छा है, देश के लिए क्या अच्छा है और यह सुनिश्चित करना है कि हर कोई सहमत हो. मेरे लिए यहां एक व्यक्ति के रूप में बैठना और यह सोचना कि इस खिलाड़ी को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, मेरे पास किसी की आलोचना करने या उसे आंकने का अवसर नहीं है."

भारत से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी: रोड्स

रोड्स ने बरत की टीम पर बात करते हुए बताया कि "ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट वास्तव में कठिन है. मेरा मतलब है, ऑस्ट्रेलिया में लगातार एक श्रृंखला में बहुत अधिक टीमें वहां नहीं गई हैं, और मुझे लगता है कि भारतीय टीम ने अतीत में ऐसा किया था. इसलिए शायद उम्मीदें वास्तव में बहुत अधिक थीं. जब अधिकांश टीमें ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करती हैं, तो सभी जानते हैं कि यह एक कठिन श्रृंखला होने वाली है, इसलिए शायद भारतीय प्रशंसक भूल गए थे कि ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना और वहां खेलना मैदान पर और बाहर दोनों ही तरह से बहुत कठिन स्थिति है क्योंकि खिलाड़ियों के बीच हमेशा बहुत अधिक मौखिक और कुछ टकराव होते हैं."