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India Daily

झारखंड HC ने MS धोनी को जारी किया नोटिस, 15 करोड़ रुपये से जुड़ा हुआ है पूरा विवाद; समझे क्या है कहानी?

MS Dhoni: हाई कोर्ट ने धोनी को नोटिस जारी करते हुए उनके पक्ष को जानने की कोशिश की है, ताकि पूरे मामले की स्पष्टता हो सके. अब यह देखना होगा कि धोनी कोर्ट में अपना पक्ष किस तरह से रखते हैं और इस विवाद का क्या निष्कर्ष निकलता है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
MS Dhoni
Courtesy: Social Media

MS Dhoni: झारखंड हाई कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में नोटिस जारी किया है. यह मामला धोनी और उनके पूर्व सहयोगियों मिहिर दिवाकर और सौम्या विश्वास के बीच हुए एक समझौते से जुड़ा है. मिहिर दिवाकर और उनकी पत्नी सौम्या विश्वास, जो आरका स्पोर्ट्स और मैनेजमेंट लिमिटेड के निदेशक हैं, ने धोनी के साथ क्रिकेट अकादमियों की शुरुआत करने का एक करार किया था, लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब धोनी ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया.

महेंद्र सिंह धोनी ने 5 जनवरी को रांची सिविल कोर्ट में मिहिर दिवाकर और उनकी कंपनी आरका स्पोर्ट्स के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की. धोनी का आरोप है कि आरका स्पोर्ट्स ने उनके नाम पर क्रिकेट अकादमियों के लिए करार तो किया, लेकिन समझौते की शर्तों का पालन नहीं किया गया. धोनी के मुताबिक, कंपनी ने फ्रेंचाइजी फीस और लाभ का उचित हिस्सा नहीं दिया, जो कि करार का हिस्सा था.

मंगलवार को हुई सुनावई

धोनी की इस शिकायत पर रांची के न्यायिक दंडाधिकारी राजकुमार पांडेय ने संज्ञान लिया और मार्च में मिहिर दिवाकर, उनकी पत्नी सौम्या विश्वास और आरका स्पोर्ट्स को समन जारी कर अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया.

मंगलवार को मिहिर दिवाकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी ने एमएस धोनी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया.

क्या है पूरा विवाद?

माना जा रहा है कि यह मामला साल 2017 से शुरू हुआ, जब धोनी और मिहिर दिवाकर के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत धोनी के नाम पर विश्वस्तर की क्रिकेट अकादमियां स्थापित करने की योजना बनाई गई. धोनी का आरोप है कि करार के अनुसार कंपनी को हर फ्रेंचाइजी की फीस और उससे होने वाले लाभ का हिस्सा उन्हें देना था, लेकिन कंपनी ने इस समझौते की शर्तों का पालन नहीं किया. इसी कारण धोनी ने अदालत का सहारा लिया और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की.