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'अभी कुछ कह पाना मुश्किल...', क्या फंस गया गौतम गंभीर का कोच बनना?

भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल अमेरिका और वेस्टइंडीज में चल रहे टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो रहा है. बीसीसीआई ने मई के मध्य में इस पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे और अंतिम तिथि आईपीएल फाइनल के अगले दिन 27 मई थी. गंभीर का नाम सबसे ऊपर चल रहा है, लेकिन इसे लेकर अभी न बोर्ड कुछ बोल रहा है न खुद गौतम गंभीर.

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Edited By: India Daily Live
Gautam Gambhir
Courtesy: Social Media

टीम इंडिया को नए कोच की तलाश है. टी20 वर्ल्ड कप के बाद राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में भारत को नया हेड कोच चाहिए. कोच की रेस में पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर का नाम सबसे आगे चल रहा है. गंभीर और बीसीसीआई के अधिकारियों के बीच कई बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन अभी बात नहीं बन पाई है. बोर्ड की तरफ से कोई कन्फर्मेशन नहीं आया है न हीं इस सवाल पर गंभीर खुलकर बोल रहे हैं. 

कुछ दिन पहले तक गौतम गंभीर का कोच बनाना लगभग तय माना जा रहा था. लगा कि अगले एक से दो दिन में इसका ऐलान हो जाएगा, लेकिन भी तक कोई अपडेट नहीं आया है. गंभीर ने कोच बनने के सवाल पर शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया दी. गौतम गंभीर ने भारत के अगले मुख्य कोच बनने के बारे में पूछे गए सवालों पर चुप्पी साधे रखी. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वह ‘इतनी दूर की बात नहीं सोचते.’

अभी जवाब देना मुश्किल है...

गंभीर ने इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में कहा कि मैं इतनी दूर की बात नहीं सोचता. आप मुझसे सवाल कर रहे हैं, मुझसे कठिन सवाल पूछ रहे हैं. अभी जवाब देना मुश्किल है. मैं बस इतना कह सकता हूं कि मैं यहां रहकर खुश हूं, अभी-अभी एक शानदार यात्रा पूरी की है (और) आइए इसका आनंद लें. मैं अभी बहुत खुश हूं.” 42 वर्षीय गंभीर ने हाल ही में केकेआर की आईपीएल में तीसरी खिताबी जीत में टीम मेंटर के रूप में अहम भूमिका निभाई थी और भारतीय टीम की कोचिंग के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट सलाहकार समिति के साथ एक साक्षात्कार में भी शामिल हुए थे.

भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल अमेरिका और वेस्टइंडीज में चल रहे टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो रहा है. बीसीसीआई ने मई के मध्य में इस पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे और अंतिम तिथि आईपीएल फाइनल के अगले दिन 27 मई थी.

मैंने हमेशा टीम को ऊपर रखा

गौतम गंभीर ने कहा कि बतौर कोच वह व्यक्तिगत खिलाड़ियों की बजाय टीम को बेहतर बनाने पर ध्यान देंगे. गंभीर ने कहा कि अगर आप किसी खिलाड़ी की बजाय पूरी टीम पर ध्यान देते हैं तो एक दिन चीजें बेहतर हो जाती हैं लेकिन अगर आप किसी एक ही खिलाड़ी पर ध्यान देते है तो आपकी टीम को संघर्ष करना पड़ेगा. मेरा काम ये नहीं कि कोई एक खिलाड़ी परफॉर्म करे. बतौर मैंटर मेरा काम केकेआर को जीत के लिए खड़ा करना था. 

उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा प्रशंसकों के लिए प्रदर्शन करने के बारे में सोचा है और मेरे करियर के आखिरी साल से ही यही मेरा विचार रहा है. बीच में मुझे छह मैचों में भारत की कप्तानी करने का सम्मान मिला. मैंने अपनी पूरी क्षमता से ऐसा करने की कोशिश की. मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि मेरा काम सीरीज की कप्तानी करना नहीं था. मेरा काम अपने देश को जीत दिलाना था और जिस भी टीम के लिए खेलूं, उसे जीत दिलाना था.