झारखंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन ने शुक्रवार से शुरू हुए रणजी ट्रॉफी के अंतिम चरण के मैचों में भी भाग नहीं लिया, जिससे उनको बीसीसीआई उनकी नाराजगी का सामना कर सकता है. खासकर तब, जब हाल ही में बीसीसीआई सचिव जय शाह ने साफ कहा था कि खिलाड़ियों के लिए रणजी ट्रॉफी अनिवार्य है.
इन खिलाड़ियों में ईशान भी आते हैं. रणजी में झारखंड इस समय जमशेदपुर में राजस्थान के खिलाफ खेल रहा है. वैसे ईशान अकेले नहीं हैं, दीपक चाहर ने भी रणजी ट्रॉफी के अंतिम चरण में हिस्सा नहीं लिया है. वे चेन्नई सुपर किंग्स के साथ अभ्यास कर रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार, भारतीय टीम के सिलेक्शन कमेटी के एक सीनियर मेंबर ने ईशान किशन को टेस्ट टीम में वापसी के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. खबरों के मुताबिक उनका कहना था कि वह अपने खेल के "कुछ तकनीकी पहलुओं पर काम कर रहे हैं" और अभी रेड-बॉल क्रिकेट के लिए तैयार नहीं हैं.
25 वर्षीय ईशान इस समय अपने मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पांड्या के साथ बड़ौदा में अभ्यास कर रहे हैं. वह मुंबई के डीवाई पाटिल टी20 टूर्नामेंट में भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लिए कंपटीटिव क्रिकेट में वापसी करने के लिए तैयार हैं.
डीवाई पाटिल टी20 एक टूर्नामेंट है जिसमें ज्यादातर ऑफिस की टीमें भाग लेती हैं और कई खिलाड़ी इसमें खेलकर आईपीएल के लिए तैयारी करते हैं.
लेकिन ईशान किशन का सिर्फ आईपीएल पर ध्यान देना और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से दूरी बनाना बीसीसीआई के लिए एक चिंता का विषय बन गया है. यही वजह है कि बीसीसीआई ने आईपीएल नीलामी में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों के लिए एक न्यूनतम संख्या में रणजी ट्रॉफी खेल जरूरी कर दिया है.
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने हाल ही में राजकोट में मीडिया से कहा था, "अगर आप फिट हैं तो कोई बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा. यह सभी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों पर लागू होता है, उन्हें खेलना ही होगा. कोई खिलाड़ी अपना भविष्य खुद नहीं तय कर सकता, इसका फैसला चयनकर्ताओं को करना होता है. अगर खिलाड़ी रेड-बॉल में अच्छा है तो उसे खेलना ही होगा."
बता दें कि श्रेयस अय्यर भी रणजी ट्रॉफी के अंतिम चरण में नहीं खेल रहे हैं. हालांकि, उन्हें पीठ और कमर के निचले हिस्से में तकलीफ है.