menu-icon
India Daily

IPL 2025: अल्ट्राएज में स्पाइक फिर भी आउट, धोनी रिव्यू सिस्टम कैसे हुआ फेल?

धोनी को 4 गेंदों पर सिर्फ 1 रन बनाने के बाद नरेन की गेंद पर आउट होकर वापस लौटना पड़ा. धोनी के आउट होने को लेकर विवाद हो गया है. सीएसके फैंस का मानना है कि धोनी को गलत आउट दिया गया.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
MS Dhoni
Courtesy: Social Media

चिदंबरम स्टेडियम में उस समय चारों ओर सन्नाटा फैल गया जब थर्ड अंपायर विनोद शेषन ने मैदानी अंपायर चिर्स गफ्फनी से आउट के अपने फैसले पर कायम रहने को कहा और एमएस धोनी को आउट करार दिया. सीएसके के प्रशंसकों को उम्मीद थी कि अल्ट्रा एज पर फ्लिकर दिखने पर फैसला पलट दिया जाएगा क्योंकि गेंद धोनी के बल्ले के करीब थी, लेकिन थर्ड अंपायर ने काफी समय लेने और कई रिप्ले देखने के बाद फैसला सुनाया कि इसमें बल्ले से कोई संपर्क नहीं थी .

उन्होंने स्क्रीन के बाईं ओर ज़्यादा ज़ोर दिया, जिससे बल्ले और पैड के बीच गैप का पता चला.  यह सब सीएसके की पारी के 16वें ओवर में हुआ. धोनी को 4 गेंदों पर सिर्फ़ 1 रन बनाने के बाद नरेन की गेंद पर आउट होकर वापस लौटना पड़ा.  दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज मार्क बाउचर धोनी के आउट होने का एक्सप्लेन किया है. 

अल्ट्राएज पर स्पाइक के बावजूद थर्ड अंपायर ने धोनी को आउट क्यों दिया?

बाउचर ने जियोस्टार पर मिड-इनिंग शो में कहा कि जब मैं ऑन-एयर था, तो मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ कि थर्ड अंपायर ने अल्ट्राएज की झिलमिलाहट को ध्यान में क्यों नहीं रखा. यह बल्ले के काफी करीब लग रहा था. मुंबई इंडियंस के पूर्व मुख्य कोच ने कहा कि जब वह ऑफ-एयर हुए, तो ब्रॉडकास्टर्स ने उन्हें समझाया. मुझे बताया गया कि तीसरे अंपायर के अलग-अलग मापदंड होते हैं. हम स्क्रीन पर जो देखते हैं वह सिर्फ झिलमिलाहट है, लेकिन अंपायर कई कारकों पर गौर करते हैं जैसे कि स्पाइक की प्रकृति, यह कितना बड़ा है या कितनी देर तक है और वे मैच से पहले ये सभी परीक्षण करते हैं. इसलिए थर्ड अंपायर जानता है कि झिलमिलाहट के बीच कैसे अंतर परखना है. 

स्प्लिट स्क्रीन व्यू में क्या दिखा? 

अल्ट्राएज पर झिलमिलाहट कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि गेंद का बल्ले या पैड से टकराना. यह बल्लेबाज के पैर के हिलने पर उसके स्पाइक्स से होने वाली आवाज़ को भी पकड़ सकता है. स्पाइक की प्रकृति के अलावा, धोनी के खिलाफ एक और बात थी स्प्लिट स्क्रीन व्यू. जबकि दाईं ओर की तस्वीरों को देखकर यह तय करना असंभव था कि गेंद ने बल्ले को छुआ था या नहीं, बाईं ओर के व्यू से संकेत मिलता है कि बल्ले और पैड के बीच शायद थोड़ा सा अंतर था.
 

Topics