IPL 2025: नए RTM रूल से खफा हो गईं टीमें, आखिर क्यों मचा गया बवाल? उदाहरण के साथ समझिए
IPL 2025: आईपीएल 2025 में कई बदलाव दिखने वाला हैं. मेगा ऑक्शन से पहले रिटेंश पॉलिसी साफ कर दी गई है. टीमें अधिकतम 6 खिलाड़ी रिटेन कर पाएंगे. एक आरटीएम भी मिलेगा. नए RTM रूल को लेकर टीमों के बीच नई बहस शुरू हो गई है.
IPL 2025: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 की तैयारी तेज है. इस बार बीसीसीआई ने आईपीएल 2025 के लिए 'राइट टू मैच' (RTM) नियम को फिर से लागू किया है, जिससे आईपीएल फ्रेंचाइजीज के बीच एक नई बहस छिड़ गई है. पहले इस रूल के जरिए टीमें अपने पसंदीदा खिलाड़ी को सबसे ऊंची बोली का मिलान करके उसे रिटेन कर लेती थीं, लेकिन इस बार मामला बदला गया, इसे लेकर बवाल मचा हुआ है.
नए नियमों से बढ़ी चिंताएं
दरअसल, नए RTM नियमों में बदलावों ने फ्रेंचाइजीज में चिंता बढ़ा दी है. कई टीमें मानती हैं कि यह नया नियम प्रतिस्पर्धी बोली के सिद्धांत को कमजोर करता है. नए नियम के अनुसार, नीलामी में सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को अब अपनी बोली बढ़ाने का मौका मिलेगा, इससे पहले कि RTM कार्ड रखने वाली टीम अपने अधिकार का प्रयोग कर सके. इस बदलाव से अंतिम बोली को मनमाने ढंग से बढ़ाने की अनुमति मिलती है, जिससे ऊंची बोली लगाने वाली टीम को फायदा मिलता है. इसी बात से कुछ टीमों को दिक्कत है.
आखिर क्यों हो टीमों को दिक्कत? उदाहरण से समझें
उदाहरण के लिए लिए समझें कि अगर मुंबई इंडियंस ने के पास किसी खिलाड़ी के लिए आरटीएम है और आरसीबी उस पर 6 करोड़ की बोली लगाती है तो MI से पूछा जाएगा कि वो अपना RTM लागू करना चाहती है. यह मुंबई की टीम एग्री हो जाती है तो आरसीबी उस खिलाड़ी पर बोली बढ़ाकर 8 करोड़ कर सकती है, इससे मुंबई को नुकसान होगा.
किन टीमों को फायदा?
क्रिकबज ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कई फ्रेंचाइजीज का मानना है कि RTM का नया नियम अमीर टीमों को फायदा पहुंचाएगा और नीलामी को असंतुलित करेगा. कुछ टीमों ने बीसीसीआई से औपचारिक शिकायत की है कि यह नियम उन्हें बढ़ी हुई बोली का मिलान करने के लिए मजबूर करता है, जो कि खिलाड़ी के वास्तविक बाजार मूल्य को नहीं दर्शाती है.