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खुद क्रिकेटर नहीं बन पाए तो चाय-अंडा बेचा, कोरोना में बिजनेस डूबा, मयंक के पिता की कहानी रुला देगी

IPL 2024 Mayank Yadav Father Prabhu Yadav Struggle Story: मयंक यादव को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता ने बहुत त्याग किया. उनके संघर्ष की कहानी आपको रुला सकती है. पढ़िए...

Bhoopendra Rai

IPL 2024 Mayank Yadav Father Prabhu Yadav Struggle Story: इंडियन प्रीमियर लीग 2024 का रोमांच चरम पर है. एक तरफ जहां बैटर्स जलवा दिखा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ गेंदबाजों ने रफ्तार से कहर बरपाया है. लखनऊ सुपर जायंट्स के युवा बॉलर मयंक यादव इस सीजन रफ्तार की सुनामी बने हुए हैं. शुरुआती 2 मैचों में उन्होंने 6 विकेट लेकर अपनी रफ्तार से कई दिग्गजों को चौंका दिया. पूरे सोशल मीडिया पर यह नाम ट्रेंड कर रहा है.

क्रिकेट जगत के कई दिग्गज इस युवा गेंदबाज को टीम इंडिया का फ्यूचर बता रहे हैं. आज पूरे देश की जुबां पर मयंक का नाम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मयंक को रफ्तार का सौदागर किसने बनाया? मयंक की सफलता के पीछे उनके पिता ने बहुत संघर्ष किया है, उनके त्याग की कहानी आपको रुला सकती है. मयंक के पिता उन लोगों में शामिल हैं, जो जिम्मेदारियों के चलते खुद क्रिकेटर नहीं बन पाए, लेकिन उन्होंने बेटे को क्रिकेटर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

बेटे के दमदार प्रदर्शन पर मयंक के पिता ने एक न्यूज वेबसाइट को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने बताया कैसे मयंक इस मुकाम तक पहुंच पाया. पिता प्रभु यादव कहते हैं कि बचपन में मुझे भी क्रिकेट खेलने का शौक था, लेकिन परिस्थितियां ऐसी नहीं रहीं कि मैं अपने शौक को पूरा कर पाता. हम चार भाई और दो बहनें थे, मैं दूसरे नंबर पर का था, घर की कंडीशन अच्छी नहीं होने के चलते मुझे काम करने के लिए बाहर निकलना पड़ा.

बिहार के रहने वाले हैं मयंक के पिता

मयंक के पिता बिहार के सुपौल के रहने वाले हैं. वो 18 साल की उम्र में दिल्ली आ गए थे. जहां पहले हलवाई की दुकान में काम किया, आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के चलते चाट की होटल चलाई, अंडे की रेहड़ी पर भी काम करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने घड़ी बनाने की कंपनी शुरू किया, लेकिन कोरोना में बिजनेस डूब गया, लेकिन बेटे को क्रिकेटर बनाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी.



सबसे तेज गेंद फेंक कर चौंकाया

मयंक के पिता की कंपनी ओखला में है, जो एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों के सायरन बनाती है. मयंक के परिवार में मां-पिता और एक बहन है. जब मयंक को इस सीजन पंजाब किंग्स के खिलाफ डेब्यू का मौका मिला तो उन्होंने 155.6 KM/H स्पीड से बॉल डालकर सभी को चौंका दिया. दूसरे मैच में उन्होंने 155.8 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से बॉल फेंकी, जो इस सीजन की दूसरी सबसे तेज गेंद है.