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इंजमाम उल हक ने मोहम्मद हफीज को दिखाया आईना, बोले- उनके बिना पाकिस्तान कुछ भी नहीं...

Inzamam Ul Haq: पाकिस्तान की टीम पिछले कुछ समय से इंटरनेशनल क्रिकेट में जूझती हुई नजर आ रही है. पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद हफीज ने 90 के दशक के खिलाड़ियों पर तंज कसते हुए यह बयान दिया था कि वे पाकिस्तान के लिए वर्ल्ड कप नहीं जीत सके, और इसी वजह से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा नहीं मिली कि वे उस तरह से क्रिकेट खेलें. ऐसे में अब इंजमाम ने उन्हें करारा जवाब दिया है.

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Edited By: Praveen
Inzamam Ul Haq
Courtesy: Social Media

Inzamam Ul Haq: पाकिस्तान की टीम पिछले कुछ समय से इंटरनेशनल क्रिकेट में जूझती हुई नजर आ रही है. रिजवान की कप्तानी में पाकिस्तानी टीम हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से बाहर हो गई और वे टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला नहीं जीत सके. इस टूर्नामेंट के दौरान, पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद हफीज ने 90 के दशक के खिलाड़ियों पर तंज कसते हुए यह बयान दिया था कि वे पाकिस्तान के लिए वर्ल्ड कप नहीं जीत सके, और इसी वजह से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा नहीं मिली कि वे उस तरह से क्रिकेट खेलें.

हफीज के इस बयान के बाद, पाकिस्तान क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज इंजमाम उल हक ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 90 के दशक के खिलाड़ियों के बिना पाकिस्तान क्रिकेट का कोई अस्तित्व नहीं होता. इंजमाम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि "अगर हम 90 के दशक के खिलाड़ियों को देखें, तो पाकिस्तान क्रिकेट उनके बिना अपनी ताकत खो देगा. जिन्होंने 90 के दशक के बाद कुछ हासिल किया है, वे भी 90 के दशक की पीढ़ी से ही थे."

पाकिस्तान का आईसीसी टूर्नामेंट में निराशाजनक प्रदर्शन

1992 में पाकिस्तान ने अपने पहले और अब तक के एकमात्र वनडे विश्व कप को जीतने के बाद से पाकिस्तान को अगले ICC खिताब के लिए 17 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा. फिर 2009 में, यूसुफ़ खान की कप्तानी में पाकिस्तान ने इंग्लैंड में T20 विश्व कप जीतने में सफलता प्राप्त की. इसके बाद, 8 साल का और इंतजार हुआ जब पाकिस्तान ने 2017 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर फिर से एक बड़ा खिताब जीता.

इंजमाम उल हक ने दिखाया हफीज को आईना

इंजमाम उल हक ने यह साफ किया कि पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में 90 के दशक के खिलाड़ियों का जो योगदान था, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने हफीज की आलोचना करते हुए कहा कि यह बयान देना गलत था, क्योंकि 90 के दशक के खिलाड़ियों की मेहनत और सफलता से पाकिस्तान क्रिकेट को जो पहचान मिली, उसे कोई नकार नहीं सकता.